ईश्वर न किसी को सुख देते हैं, न दुख देते हैं -मुनिश्री विलोकसागर

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ईश्वर न किसी को सुख देते हैं, न दुख देते हैं -मुनिश्री विलोकसागर
आज 07 अक्टूबर को पाठशाला के बच्चे होगें सम्मानित

मुरैना (मनोज जैन नायक) भगवान न किसी का अच्छा करते हैं, न किसी का बुरा करते है । भगवान न किसी को सुख देते हैं, न किसी को दुख देते हैं। यह सब तो प्राणी मात्र के कर्मों पर निर्भर करता है । प्राणी जैसे कर्म करेगा उसी के फलस्वरूप उसे परिणामों की प्राप्ति होगी ।
जैसे जंगलों में या अन्य स्थानों पर वनस्पति स्वतः उग आती है, फल और फूल बिना किसी प्रयास या प्रेरणा के ही अपने निर्धारित समय पर वृक्षों में लग जाते हैं, उसी प्रकार प्राणी मात्र के द्वारा किये हुए अच्छे और बुरे कर्म भी अपने समय पर जीवन में स्वतः ही फल देने आते रहते हैं । कर्म फल देगें, ये तो निश्चित है, लेकिन कब देगें, ये किसी को नहीं मालूम ।
अहिंसा जैन धर्म का मूल सिद्धान्त है। इसे बड़ी सख्ती से पालन किया जाता है खानपान आचार नियम मे विशेष रुप से देखा जा सकता है। जैन दर्शन में कण-कण स्वतंत्र है इस सृष्टि का या किसी जीव का कोई कर्ताधर्ता नही है। सभी जीव अपने अपने कर्मों का फल भोगते है। जैन दर्शन में भगवान न कर्ता और न ही भोक्ता माने जाते हैं। जैन दर्शन मे सृष्टिकर्ता को कोई स्थान नहीं दिया गया है। जैन धर्म में अनेक शासन देवी-देवता हैं पर उनकी आराधना को कोई विशेष महत्व नहीं दिया जाता। जैन धर्म में तीर्थंकरों जिन्हें जिनदेव, जिनेन्द्र या वीतराग भगवान कहा जाता है इनकी आराधना का ही विशेष महत्व है। इन्हीं तीर्थंकरों का अनुसरण कर आत्मबोध, ज्ञान और तन और मन पर विजय पाने का प्रयास किया जाता है।
पाठशाला के बच्चों को कल मिलेंगे पुरस्कार
बड़े जैन मंदिर में विराजमान जैन संत मुनिश्री विलोकसगरजी एवं मुनिश्री विबोधसागरजी महाराज के पावन सान्निध्य में शरद पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार 07 अक्टूबर को श्री विद्यासागर सर्वोदय पाठशाला के बच्चों को परीक्षा परिणामों के अनुरूप पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा ।
शरद पूर्णिमा के दिन ही संत शिरोमणि आचार्य भगवन विद्यासागर महाराज का अवतरण हुआ था । इस मांगलिक अवसर पर प्रातःकालीन बेला में श्री जिनेन्द्र प्रभु का अभिषेक, शांतिधारा एवं नित्यमह पूजन किया जाएगा । प्रातः 7 बजे पूज्य गुरुदेव आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज का अष्टदृव्य से पूजन किया जाएगा । प्रातः 09 बजे युगल मुनिराजों के प्रवचन होगें। शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रश्नमंच एवं महाआरती का आयोजन होगा । पाठशाला के सभी बच्चों को उनकी वार्षिक परीक्षा के परिणामों के अनुसार पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा ।
श्रीविद्यासागर सर्वोदय पाठशाला परिवार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पाठशाला के सभी बच्चों सहित साधर्मी बंधु, माता बहिनें उपस्थित रहेंगी ।

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