इच्छाओं का नाश करना वीतराग भाव की वृद्धि करना ही उत्तम तप है

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धर्म परायण नगरी डिग्गी में शांतिनाथ जिनालय साधना केन्द्र में आचार्य 108 श्री इन्द्रनंदी जी महाराज स संघ के पावन सानिध्य में चल रहे दश लक्षण महापर्व महोत्सव के सातवें रोज उत्तम तप धर्म की हुई पूजा

इच्छाओं का नाश करना वीतराग भाव की वृद्धि करना ही उत्तम तप है

आचार्य
इन्द्र नंदी जी महाराज

डिग्गी/फागी संवाददाता

धर्मपरायण नगरी डिग्गी में शांतिनाथ जिनालय साधना केन्द्र में चातुर्मास कालीन वाचना में विराजमान आचार्य श्री इन्द्रनंदी जी महाराज, मुनि श्री उत्कृष्ट सागर जी महाराज स संघ के पावन सानिध्य में अग्रवाल समाज 84 के तत्वाधान में अग्रवाल सेवा सदन में चल रहे दशलक्षण महापर्व के सातवें रोज उत्तम तप धर्म की पूजा हुई ,कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए बताया की शांति नाथ जिनालय में प्रातः अभिषेक, शांतिधारा के बाद विभिन्न धार्मिक क्रियाएं हुई कार्यक्रम में राजाबाबू गोधा एवं गोविंद जैन डिग्गी निवासी ने संयुक्त रूप से अवगत कराया कि कार्यक्रम में ज्ञानचंद- अशोक कुमार जैन धोली वाले डिग्गी निवासी ने श्रीजी की शांति धारा करने का सोभाग्य प्राप्त किया,इसी कड़ी में प्रेमचंद- प्रेमलता, प्रकाश चंद- सरिता, अमृतलाल मनीष, जैन लोहिया लावा वाले मालपुरा निवासी ने आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन कर जिनवाणी भेंट करने का सोभाग्य प्राप्त किया कार्यक्रम में आचार्य इन्द्र नंदी जी महाराज ने तप धर्म पर प्रकाश डालते हुए अपने मंगलमय उदबोद्बन में श्रावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आत्म शुद्धि के लिए इच्छाओं को रोकना तप है, मानसिक इच्छाएं सांसारिक बाहरी पदार्थो में चक्कर लगाए करती है, शरीर को प्रमादी न बनने देने लिए बहिरंग एवं अंतरंग तप किए जाते हैं, उन्होंने कहा कि समस्त रागादि भावों को त्याग कर आत्म स्वरूप में लीन होने पर इच्छाओं का नाश होता है, विकारों पर विजय प्राप्त होने को उत्तम तप कहते हैं। इच्छाओं का निरोध करना ही तप है, वही मोक्ष का कारण है, जिन भावों से शुभ- अशुभ कर्मों का बंध होता है वह वास्तव में तप नहीं है, तप का मूल उद्देश्य है इच्छाओं का नाश करना, वीतराग भाव की वृद्धि करना ही उत्तम तप है,गोधा ने अवगत कराया कि उक्त कार्यक्रम में आज राजुल-नेमी नाटक का भव्य मंचन किया गया, जिसमें दशलक्षण महापर्व के सौधर्म इन्द्र इन्द्राणी गोविंद जैन -श्रीमती राज जैन ने नेमी -राजुल नाटक का भव्य मंचन किया उक्त कार्यक्रम प्रेमचंद जैन लोहिया लावा वाले मालपुरा के दिशा निर्देश में हुआ। कार्यक्रम में पूज्यार्थियों द्वारा विनय पाठक,पंचपरमेष्ठी भगवान,मूलनायक शांति नाथ भगवान, देव, शास्त्र, गुरु की पूजन, नव देवता पूजन, सोलह कारण पूजन, दस लक्षण पूजा, जिनवाणी पूजा तथा निर्वाण क्षेत्रों की पूजा सहित अनेक पूजाएं कर सुख समृद्धि की कामना की,कार्यक्रम में मुनि सेवा समिति के मंत्री विमल कुमार जैन एवं फागी पंचायत के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा ने बताया कि दशलक्षण महापर्व पर्व 17 सितम्बर तक चलेगा,17 सितम्बर तक दस दिवसीय दशलक्षण व्रत एवं उपवास किए जायेंगे, 15 से 17 सितम्बर तक कर्म निर्जरा तेला तथा क्षय तिथि के कारण रत्नत्रय व्रत व तेला भी इसी दौरान किया जाएगा, 17 सितंबर को अनन्त चतुर्दशी एवं दश लक्षण समापन कलश होंगे , 18 सितंबर को षोढशकारण समापन कलश, एवं पडवा ढोक क्षमावाणी पर्व मनाया जाएगा इस दौरान दिगम्बर जैन मन्दिरों में पूजा अर्चना के विशेष आयोजन आयोजित होगें कार्यक्रम में सौधर्म इंद्र गोविंद जैन -श्रीमती राज जैन जर्मन वालों ने सभी इन्द्रों के साथ विधान पर 24 अर्घ्यअर्पित कर सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की ओर बताया कि उक्त कार्यक्रम आचार्य इन्द्र नंदी जी महाराज स संघ के पावन सानिध्य में, मुनि सेवा समिति अग्रवाल समाज 84 के तत्वाधान में, सकल दिगम्बर जैन समाज डिग्गी के सहयोग से पंडित बृजेश शास्त्री के दिशा निर्देश में विभिन्न मंत्रोच्चारणों के द्वारा किया जा रहा है।उक्त कार्यक्रम में अग्रवाल समाज 84 के अध्यक्ष अनिल सूराशाही,कोषाध्यक्ष महेंद्र कुमार जैन पराना , फागी पंचायत समिति के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा, सत्यप्रकाश जैन चित्रकूंट
सांगानेर,अग्रवाल सेवा सदन डिग्गी के संचालक गोविंद जैन एवं प्रकाश जैन डिग्गी, महावीर प्रसाद जैन,मिलाप चंद गोयल पचेवर, प्रेमचंद लोहिया लावा,ज्ञानचंद लोहिया डिग्गी,ओमप्रकाश जैन पचेवर, विमल कुमार जैन पचेवर,सीताराम जैन, प्रमोद गोयल लावा,हरिशंकर गर्ग,बिरधी चंद जैन मालपुरा, भागचंद जैन परवण मालपुरा ,पदम जैन पीपलू वाले निवाई, तथा राजाबाबू गोधा फागी सहित सभी पदाधिकारी गण श्रावक श्राविकाएं मोजूद थे।

राजाबाबू गोधा जैन महासभा मीडिया प्रवक्ता राजस्थान

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