हम भरोसा करें गैरों पर

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 जबकि हमें चलना है अपने पैरों पर..! अंतर्मना प्रसन्न सागर  महाराज औरंगाबाद /कूलचारम                                पियुष कासलीवाल नरेंद्र  अजमेरा.                                   भारत गौरव साधना महोदधि    सिंहनिष्कड़ित व्रत कर्ता अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज एवं सौम्यमूर्ति उपाध्याय 108 श्री पीयूष सागर जी महाराज ससंघ
कुलचाराम   मे    प्रवचन  मे कहाॅ की क्यों हम भरोसा करें गैरों पर..
 जबकि हमें चलना है अपने पैरों पर..!
मनुष्य जीवन एक अवसर है, स्वयं को जानने का, एक मौका है, स्वयं के होने का और स्वयं को पाने का। क्योंकि मनुष्य होकर ही स्वयं को पाया जा सकता है, परमात्मा हुआ जा सकता है। तुम्हारी जिन्दगी में अनन्त की संभावना है। तुम में अनन्त शक्तियां छुपी है, असंख्य दिव्यात्मा मौजूद है। अपनी इन संभावनाओं, शक्तियों और दिव्य आत्माओं को पहचानना और उन्हें साकार करना ही जिन्दगी का असली मकसद है। लेकिन दुर्भाग्य कहो इस सदी का, इस मुल्क का —
आदमी साढे़ 33 करोड़ देवी देवताओं के अस्तित्व पर तो विश्वास कर लेता है, लेकिन अपने में एक जीवित परमात्मा है, उस पर विश्वास नहीं कर पाता है।
24 तीर्थंकरों एवं अनंतानन्त सिद्ध परमात्माओं पर श्रद्धा कर लेता है, लेकिन एक अपने आप पर ही श्रद्धा नहीं कर पाता है।
मैं भी परमात्मा स्वरुप हूं। मुझ में भी परमात्मा मौजूद है। ऐसी श्रद्धा नहीं जगा पाता और इसी कारण से वह पुजारी तो बना रहता है, लेकिन पूज्य, परम पूज्य नहीं बन पाता।
मैं तुमसे कहना चाहता हूं — जिसे अपनी क्षमताओं और संभावनाओं पर श्रद्धा और विश्वास नहीं,, वह विश्व विराट स्वरूप को कभी उपलब्ध नहीं हो सकता…!!! नरेंद्र  अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद

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