प्रकाशनार्थ :
होली पर रहेगा भद्रा और चंद्रग्रहण का साया
होलिका दहन मुहूर्त 13 को रात्रि 11.26 से 12.26 तक
मुरैना (मनोज जैन नायक) अक्सर होलिका दहन वाले दिन मुहूर्त से आगे या पीछे हर बार भद्रा तिथि आती रहती हैं।
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि होलिका दहन फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि के दिन भद्रा रहित प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा में करना चाहिए । ऐसा धर्म सिंधु शास्त्र का मत है कि भद्रा तिथि में होलिका दहन और राखी बांधना सर्वथा निषेध होता है।
अगर इस दिन प्रदोष पूर्णिमा का आभाव हो, परन्तु भद्रा तिथि मध्यरात्रि से पहले समाप्त हो जाए तो प्रदोष के पश्चात जब भद्रा समाप्त हो जाए तभी होलिका दहन करना चाहिए ।
जैन ने बताया कि होलिका दहन का मुहूर्त किसी त्यौहार के मुहूर्त से ज्यादा महत्वपूर्ण और आवश्यक है । इसे सर्व समाज हंसी खुशी, और प्रेम पूर्वक रंग ,गुलाल से मनाता है।
किसी त्यौहार की पूजा अगर मुहूर्त में न हो पाए तो मात्र पूजा के लाभ से वंचित करती है । लेकिन होलिका दहन की पूजा अनुपयुक्त समय में करने से यह दुर्भाग्य और पीड़ा देती है । जिसका परिणाम न केवल एक होलिका दहन करने वाले व्यक्ति को भुगतना पड़ता है बल्कि इस का दुष्प्रभाव पूरे शहर और देश पर पड़ता है । इसलिए भद्रा के पश्चात श्रेष्ठ मुहूर्त में ही होलिका दहन करना चाहिए।
जैन ने कहा कि इस बार भद्रा होली दहन वाले दिन पूर्णिमा के प्रारंभ से रात 11:36 बजे तक है वहीं खग्रास चन्द्र ग्रहण पूर्णिमा के अंत समय में 14 मार्च को सिंह एवं कन्या राशि में रहेगा । यह चन्द्र ग्रहण खग्रास रूप में अमेरिका, पेसिफिक, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका में भारतीय समय अनुसार 14 मार्च को चंद्रग्रहण का स्पर्श प्रातः 10:40 बजे से स्पर्श करेगा । इस का मोक्ष 14::18 बजे पर होगा । इस का मध्य 12:29 बजे होगा। जैन ने बताया कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए पूरे भारत में इसका धार्मिक दृष्टि से कोई भी सूतक पातक नियम पालन नहीं किया जाएगा।
होलिका दहन मुहूर्त :-
13 मार्च गुरुवार को फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ प्रातः 10:35 बजे से हो जाएगा । इसी के साथ भद्रा तिथि भी प्रारंभ होगी जो रात्रि 11:26 बजे तक भद्रा रहेगी। 14 मार्च शुक्रवार को फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि की समाप्ति दोपहर 12:23 बजे तक होगी।
इसलिए होलिका दहन 13 मार्च गुरुवार को होगा।
मुहूर्त :- 13 मार्च गुरुवार भद्रा समाप्ति के बाद रात्रि 11:26 बजे से रात्रि 12:26 बजे तक केवल एक घंटे का समय होलिका दहन के लिए श्रेष्ठ है। होलिका दहन के बाद होलाष्टक समाप्त हो जाएंगे।
राशियों पर इसका असर :- वैसे तो प्रत्येक राशि वाले व्यक्ति को मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए फिर भी इस दिन पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र सिंह राशि होलिका दहन के समय रहेगी सिंह/ कन्या राशियो पर चंद्र ग्रहण पड़ेगा । इन्हें विशेष सावधान रहना होगा।
यह साल का अंतिम महीना है।