एच3 एन2 वायरस का घरेलू उपाय

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पिछले कुछ हफ्तों में एच३ एन२ वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं। मरीजों में बुखार और खांसी की सबसे ज्यादा समस्या देखी जा रही है। इसके लिए एंटीबायोटिक न लेने के सलाह दी है। कुछ घरेलू उपचार आपके काम आ सकते हैं।
मरीजों में खांसी, बुखार, मतली, उल्टी, गले में खराश, बदन दर्द और दस्त जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। संक्रमण के लक्षण पांच से सात दिनों तक बने रहे सकते हैं। एच३ एन२ से होने वाला बुखार तीन दिनों में उतर जाता है लेकिन खांसी के लक्षण तीन हफ्ते तक बने रह सकते हैं। इसके लक्षण सीजनल कोल्ड और कफ की तरह होते हैं।

इसकी चपेट में ज्यादातर बुजुर्ग या १५ साल से कम उम्र के बच्चे आ रहे हैं। मरीजों को बुखार के साथ अपर रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन हो रहा है। संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स न लेना चाहिए .

तरल पदार्थों में हल्दी डालकर पिएं

हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन पदार्थ में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। हल्दी खांसी और बुखार का बढ़िया इलाज है। इसकी पावर बढ़ाने के लिए आप इसे काली मिर्च के साथ ले सकते हैं। आप १ चम्मच हल्दी और 1/८ चम्मच काली मिर्च को संतरे के रस, चाय या सूप में मिलाकर ले सकते हैं। यह ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और ऊपरी श्वसन रोगों से निपटने के लिए शक्तिशाली इलाज है।

हाइड्रेटेड रहें

हाइड्रेटेड रहने से शरीर को संक्रमण से लड़ने की ताकत मिलती है। इसके लिए बहुत सारे तरल पदार्थ जैसे पानी, डिकैफ़िनेटेड चाय, जूस और सूप लें। मीठे पेय पदार्थ, सोडा, शराब और कॉफी जैसे पेय पदार्थों से बचें। प्यास नहीं लगने पर भी पानी पीते रहें।

विटामिन सी से भरपूर चीजें खाएं

विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करती हैं और आपको सर्दी और खांसी पैदा करने वाले वायरस से बचाती हैं। आंवला, संतरा, नींबू जैसी चीजों का खूब सेवन करें।

खांसी-बुखार के लिए अदरक है बेस्ट

सर्दी, बुखार, खांसी और फ्लू के अन्य लक्षणों को खत्म करने के लिए अदरक एक पावरफुल जड़ी बूटी है। लक्षणों को कम करने के लिए अदरक की चाय या फिर अदरक का पानी पी सकते हैं।

नमक के पानी से गरारे करें

नमक के पानी से गरारे करने से ऊपरी श्वसन संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है। यह बुखार और खांसी को कम करने में मदद करता है, साथ ही गले के संक्रमण को भी कम करता है। नमक के पानी से गरारे करने से बलगम कम होता है और ढीला होता है, जो बैक्टीरिया और एलर्जी का बड़ा कारण है।

गुड़ और तुलसी

गुड़ अदरक और तुलसी को पावरफुल जड़ी बूटी माना जाता है। सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों को कम करने के लिए सादा पानी पीने के बजाय पानी में गुड़ अदरक और तुलसी को उबालकर पिएं। इससे साइनस को खोलने, गले का संक्रमण खत्म करने और खांसी रोकने में मदद मिल सकती है।

बुखार में आराम करें

बुखार से आपका शरीर कमजोर हो सकता है क्योंकि उसे संक्रमण से लड़ने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए जितना हो सके आराम करें। साथ ही कोई भी हार्ड फिजिकल एक्टिविटी न करें रात को आठ से नौ घंटे या ज्यादा सोने की कोशिश करें।

मोटे कपड़े या कंबल लेने से बचें

अक्सर देखा गया है कि बहुत से लोग बुखार होने पर मोटा कंबल ओढ़कर सोते रहते है या हमेशा मोटे कपड़े पहनते हैं। इसके बजाय हल्के कपड़े पहनें, गुनगुने पानी से नहाएं, कमरे के तापमान का पानी पिएं। सबसे बड़ी बात ठंड लगने पर बहुत अधिक कंबलों का उपयोग करने से बचने का प्रयास करें।

आयुर्वेदानुसार – सितोपलादि चूर्ण, तालीसादि चूर्ण, संजीवनी वटी, त्रिभुवन कीर्ति रस, लक्ष्मीविलास रस खदिरादिवटी, लवंगादिवटी हरिद्रादिवटी, वसारिष्ट

-विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद्

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