डॉ पन्नालालजी पापड़ीवाल औरंगाबाद नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल.
पन्नालाल पापडीवाल, औरंगाबाद को 91 वे जन्मदिन की बहुत-बहुत मंगल शुभकामनाएं,बधाई।चरणस्पर्श।
यह ऐसा व्यक्तिमत्व जिन्होंने अपने जीवन में अनेको ऊंचाइयों को हासिल किया | परमपूज्य श्री ज्ञानमती माताजी के प्रेरणा से 108 फीट भगवान ऋषभदेव की मांगीतुंगी में प्रतिमा उत्तीर्ण करने में सबसे बड़ा योगदान,अपना संपूर्ण जीवन उसके लिए समर्पित किया। लगभग 20 साल आप मांगीतुंगी मुर्ति कार्य के लिए रहे। इस विशालकाय मूर्ति का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज कराया गया है | इसका पूरा कार्य आपके समक्ष,आपके निगरानी मे हुआ, आपके देखरेख मे हुआ।|पूरे कार्य में आपका योगदान बहुत बड़ा रहा | आप मूर्ति के शुरुआत से मूर्ति पूर्ण हुए तक आप एवं सौ. कुमकुमदेवी पापड़ीवाल धर्मपत्नी के साथ मांगीतुंगी में ही रहे।
आपने देश के तीर्थक्षेत्रों, अतिशय क्षेत्रो,सिद्धक्षेत्रों की सेवा की | लगभग 27 साल महाराष्ट्र अंचल के तीर्थक्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष पद पर रहे |आपने पूरे महाराष्ट्र के तीर्थक्षेत्रों को सिद्धक्षेत्रों को विकास की दिशा दी |
वही राजकीय क्षेत्र में पैठण में लगभग 5 बार नगर परिषद में चुनकर आए | देवी देवताओं के नाम पर जो पशु पक्षी की बली दी जाती थी उनको कई यात्रा में जाकर बचाया,रोका है | लाखों की संख्या में पशुओं को बचाया।
1964 में पैठण में भगवान मुनिसुव्रतनाथ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का संपूर्ण आयोजन आपके नेतृत्व में हुआ | उस समय आपके नेतृत्व में लगभग 400 टेंट पैठण में लगाए गए थे | और भगवान के ऊपर विमान से पुष्पवृष्टि कराई गई थी।आपने तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री वसंतराव नाईक के सानिध्य में अहिंसा सम्मेलन भी आपने पैठण में कराया था। पैठण अतिशय क्षेत्र भगवान मुनीसुव्रतनाथ के चरणो में आप ने लगभग 60 साल महामंत्री, कोषाध्यक्ष, विश्वस्त रहकर सेवा प्रदान की। पदों पर रहकर क्षेत्र का संरक्षण,संवर्धन, विकास किया |
1996 भगवान मुनीसुव्रत नाथ की 21 फ़ीट प्रतिमा का पंचकल्याणक प्रतिष्ठा मांगीतुंगी महोत्सव आपके महामंत्री के नेतृत्व में हुआ | इस ऐतिहासिक पंचकल्याणक में आप ने तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मनोहर जोशी को आमंत्रित किया था और वह आए थे | और उन्होंने वहां दर्शन का लाभ लिया था |
2016 में भगवान ऋषभदेव 108 फिट मुर्ति कमेटी के महामंत्री रहे और आपको सबसे बडे भगवान ऋषभदेव के माता-पिता बनने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ | और इस ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय पंचकल्याणक के भी आप महामंत्री थे।यहां पर तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र जी फडणवीस अनेक मंत्री,सांसद, विधायक और माननीय अमित जी वहां भी पधारें थे। यह जैन जगत का सबसे बड़ा पंचकल्याणक माना जा रहा है |
आपके उद्योग, व्यापार, प्रतिष्ठान हैं | आपने डॉक्टर बनकर लोगों की बहुत सेवा की है |
रोटरी क्लब पैठण के फाउंडर प्रेसिडेंट, राजस्थान युवक मंडल के 15-20 साल अध्यक्ष, हिरवळ मंडळ के गत 40 सालों से अध्यक्ष पद पर आपने कार्य किया है।
एक विशेष बात जो जायकवाडी प्रकल्प नाथसागर बांध पैठण में है | उसका शासकीय भूमिपूजन कार्यक्रम माननीय पंतप्रधान लाल बहादुर शास्त्री के द्वारा संपन्न हुआ था | उस कार्यक्रम में आपका सक्रीय सहभाग था | उस समय भूमिपूजन आपके द्वारा भी किया गया था |
पैठण शहर के विकास में, तालुका के विकास में, संत एकनाथ सहकारी साखर कारखाना, प्रतिष्ठान कॉलेज, मराठा शिक्षण संस्था इनके साथ आपका बहुत निकट का संबंध रहा, योगदान रहा है |
परमपूज्य श्री मोरारी बापू की राम कथा, पुज्य डोंगरे महाराज की भागवत कथा, श्री संत ज्ञानेश्वर सप्त शताब्दी महोत्सव पैठण आदि में आप कार्याध्यक्ष, स्वागताध्यक्ष रहकर सक्रिय भूमिका मे रहकर कार्य किया था |
– पैठण में नाथसागर प्रकल्प से पाणी की पाइप लाइन लाना पैठण शहर को पानी देना इस कार्य में आप की महत्वपूर्ण भूमिका थी। – गागाभट्ट चौक का निर्माण कर उसका नामकरण करने में भी आपकी महत्व की भूमिका थी |
– पैठण मे भगवान महावीर चौक, भगवान महावीर मार्ग इसमें भी आप की महत्वपूर्ण भूमिका रही |
– जायकवाडी प्रकल्प पर लगने वाली इको सेंसेटिव जोन में जो कार्य संजय पापडीवाल ने किया उसको पूरा मार्गदर्शन आप ही का था |
– आपके द्वारा जीवन भर दान,धर्म परोपकार के कार्य होते रहे है। जिसमे कुछ प्रमुख बाते
– आपके द्वारा सम्मेद शिखरजी मे भगवान आदिनाथ का मंदिर, मूर्ति, पंचकल्याणक संपन्न किया गया है |
– आपका और आपके पुरे परिवार का भगवान ऋषभदेव 108 फिट मूर्ति निर्माण के प्रशस्ती मे भी नाम है |
पैठण अतिशय क्षेत्र पंचकल्याणक में तथा मांगीतुंगी के पंचकल्याणक में विधिनायक भगवान की प्रतिमा आपके द्वारा दी गई।
– आप द्वारा भगवान मुनिसुव्रतनाथ के अतिशय क्षेत्र पर डॉ. पन्नालाल पापडीवाल AC धर्मशाळा निर्माण भी किया है |
– कई विधान आपके परिवार के द्वारा कराये गये।
– आपके घर के चैत्यालय में 24 तीर्थंकरों की रत्न प्रतिमा विराजमान हैं।
– आप कई बार विधानो मे पंचकल्याणक मे सौधर्म इंद्र, चक्रवर्ती आदि बने है |
और कई मुर्तिया,मंदीर निर्माण मे सहभाग है।
– पैठण अतिशय क्षेत्र पर यात्रियों को निःशुल्क वात्सल्य भोज कराया जाता है। उसमें आपका योगदान है।
कितने भी बातें हम लिखे तो वह अपूर्ण है | ऐसे मेरे पूज्य पिताजी को नमन करता हूं | उन पर हम गर्व करते हैं |
संजय पन्नालाल पापडीवाल
सौ.अंजली संजय, अजय-सौ.रिध्दी, कु.ब्राम्ही, कु.माही, जिनेश-सौ. सुरभी, कु. वीरा
विजय पन्नालाल पापडीवाल सौ.माधुरी विजय, प्रशांत-सौ.कोमल, चि.युवम, चि.प्रणम्य,पियुष-सौ.निकीता, कु.निवी॑ पापडीवाल एवं
मीना बबललाल गोधा,
सीमा कैलाशचंद काला,
संगीता जितेंद्र छाबड़ा
एवम् पापडीवाल परिवार पैठण, औरंगाबाद, हैदराबाद |। -संकलन – नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद