दस दिवसीय शिक्षण शिविरों का हुआ शुभारंभ
मुरैना (मनोज जैन नायक) आज से लगभग 125 वर्ष पूर्व मुरैना नगर में गोपालदास वरैया ने संस्कृत विद्यालय की स्थापना की थी । इस विद्यालय ने हजारों लोगों को ज्ञान दान देकर विद्वान बनाया और घर घर विद्वान पैदा करने की पृष्ठ भूमि तैयार की। इस विद्यालय में अध्ययन करने वाले अनेक विद्वत दिगंबरी दीक्षा लेकर सत्य अहिंसा का उपदेश देते हुए प्राणीमात्र को आत्मकल्याण हेतु प्रेरित कर रहे हैं । इस मुरैना नगर की माटी पावन और पवित्र है, यहां पर आचार्य सुमति सागर और आचार्य ज्ञानसागर जैसे अनेक महापुरुषों का जन्म हुआ है । जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन शाकाहार, सत्य, अहिंसा, जियो और जीने दो, अहिंसा परमो धर्मः के प्रचार प्रसार में व्यतीत किया । यही कारण है कि अन्य नगरों में मुरैना को अच्छी दृष्टि से देखा जाता है ।
हम सभी को ज्ञान की आराधना के लिए शिक्षण शिविरों का माध्यम मिल रहा है । निर्यापक श्रमण मुनिश्री सुधासागर जी महाराज ज्ञान की पिपासा को प्राणीमात्र तक पहुंचाने के लिए सतत प्रयासरत हैं । इन शिक्षण शिविरों के माध्यम से हमें ज्ञान की प्राप्ति होती है । वर्तमान में हम सभी पाश्चात्य सभ्यता के मोह में अपनी संस्कृति और अपनी परम्पराओं से विमुख होते जा रहे है । हम सभी को इन ग्रीष्मकालीन शिविरों के माध्यम से ज्ञान तो प्राप्त करना ही है, साथ ही अपने बच्चों में नवीन संस्कारों का बीजारोपण भी करना है । उक्त उद्गार दिगम्बर जैन मुनिश्री विलोक सागर महाराज ने बड़े जैन मंदिर में श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर के शुभारंभ के अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए ।
विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी आचार्यश्री विद्यासागर, आचार्यश्री समयसागर, आचार्यश्री आर्जवसागर, मुनिश्री विलोकसागर, मुनिश्री विबोधसागर महाराज के आशीर्वाद एवं निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव सुधासागर महाराज की पावन प्रेरणा से बाल ब्रह्मचारी संजय भैयाजी ( मुरैना वाले) के निर्देशन में श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर जयपुर द्वारा भारत एवं देश विदेश में जैन परंपरानुसार श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिवरों का आयोजन ग्रीष्मकालीन अवकाश में किया जा रहा है । धर्म नगरी मुरैना में उक्त शिविरों का आयोजन नगर के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती बड़ा मंदिर एवं श्री गोपाल दिगंबर जैन संस्कृत विद्यालय में 25 मई से 03 जून तक होगा ।
शिविर शुभारंभ में श्रेष्ठिवर्ग का योगदान
शिविर के शुभारंभ पर वरिष्ठ एडवोकेट करनसिंह योगेंद्र जैन ने ध्वजारोहण, एडवोकेट पदमचंद सिद्धार्थ जैन ने चित्र अनावरण एवं प्रेमचंद पंकज जैन वंदना साड़ी ने दीप प्रज्वलन कर शिविर का शुभारंभ किया । मंगल कलश स्थापना यतींद्रकुमार संजय जैन, महावीरप्रसाद विमल जैन बघपुरा, ममता जैन सरला जैन द्वारा एवं मां जिनवाणी की स्थापना मुन्नीदेवी राजकुमार वरैया, नेमीचंद विमल जैन बर्तन वाले, मुन्नालाल रोबिन जैन, महेशचन्द्र वनवारीलाल जैन ने की ।
शिक्षण शिविर के प्रतिदिन के कार्यक्रम
शिविर के दौरान 25 मई से 03 जून तक निरंतर सांगानेर से आए हुए विद्वत सर्वश्री नीरज शास्त्री भंगवा, विद्वत सुरेश शास्त्री भंगवा, विद्वत राहुल शास्त्री बमरोली, विद्वत आशीष शास्त्री मबई, विद्वत मयंक शास्त्री द्वारा अभिषेक पूजन, प्रथम भाग, द्वितीय भाग, छहढाला, भक्तामर, इष्टोपदेश, द्रव्यसंग्रह, तत्वार्थसूत्र का शिक्षण/प्रशिक्षण प्रदान करेंगे
परम पूज्य युगल मुनिराजों का लिया आशीर्वाद
शिविर शुभारंभ से पूर्व बाल ब्रह्मचारी संजय भैयाजी (मुरैना वाले) के नेतृत्व में श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर जयपुर से आए हुए सभी विद्वानों एवं शिविर आयोजन समिति ने मंचासीन पूज्य मुनिश्री विलोक सागर एवं मुनिश्री विबोध सागर महाराज को श्रीफल अर्पित कर शिविर के निर्विघ्न संचालन हेतु आशीर्वाद प्राप्त किया ।