संत शिरोमणि आचार्य 108 श्री विद्या सागर जी महाराज के सुयोग्य शिष्य अर्हम योग प्रणेता मुनि प्रणम्य सागर जी महाराज स संघ ने जयपुर शहर के मानसरोवर मीरा मार्ग पर 27 वें पावन चातुर्मास 2024 के मंगल कलश की कि स्थापना
गुरु श्रद्धेय एवं उनके वचन उपादेय होते हैं
मुनि प्रणम्य सागर
आर. के.मार्बल्स के परिवार जनों द्वारा झंडारोहण करने के बाद हुई कार्यक्रम की शुरुआत.
फागी संवाददाता
जयपुर -28जुलाई को संत शिरोमणि आचार्य 108 विद्यासागर महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य अर्हम योग प्रणेता मुनि प्रणम्य सागर महाराज का 27 वां पावन वर्षायोग मंगल कलश स्थापना समारोह रविवार को मानसरोवर के मीरा मार्ग स्थित आदिनाथ भवन में धूमधाम से सम्पन्न हुआ, कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए बताया कि
इस मौके पर जयपुर सहित पूरे देश से हजारों की संख्या श्रावकों ने करीब पांच घंटे तक धर्म लाभ प्राप्त किया, कार्यक्रम में मुनि प्रणम्य सागर महाराज ने अपने मंगलमय उदबोधन में श्रावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अपने आप में कोन्फीडेन्ट होना बहुत बडी बात है। हमारा विश्वास ही ऐसी चीज है कि वह सब तरफ से हमें मजबूत बना देता है,आपका धेर्य जीवन में बहुत काम आयेगा।आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज के जाने के बाद हमारा यह पहला चातुर्मास है। लेकिन मुझे यह महसूस हो रहा है कि उन्हीं के आशीर्वाद एवं संकेत से यह चातुर्मास जयपुर में हो रहा ,ओर कहा कि गुरु आपके लिए श्रद्धेय होते हैं उनके वचन आपके लिए उपादेय होगे। उनके वचन जीवन में ग्रहण करने योग्य होते हैं और यह आपके जीवन के लिए प्रेरक होगें।
उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा जीवन में हताश निराश नहीं हो, यदि कोई अपने जीवन में हताश निराश हैं तो मेरी शरण में आ जाए, मै उसे इस निराशा के जीवन से उमंग की ओर मोड दूंगा।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए योग अति आवश्यक है,योग करने वाले मनुष्य न अपने लिए कुछ करेगे बल्कि अन्य जीवों के लिए भी आदर्श बनेंगे,आज दुनिया में योग की बहुत आवश्यकता है,धर्म को जीने के लिए अर्हम ध्यान योग का अभ्यास करें। धर्म की प्रक्रियाओं को मंदिरों तक सीमित नहीं रखे
अन्त में उन्होंने कुछ हो या ना हो मेरा मन दुर्बल ना हो…. कविता की चार लाईनों से अपना उदबोधन समाप्त किया, कार्यक्रम में इससे पूर्व प्रसिद्ध संगीतकार नरेन्द्र जैन के निर्देशन में आचार्य विद्यासागर महामुनिराज का अर्घ्य श्री आदिनाथ महिला जागृति समिति एवं आचार्य समय सागर महाराज का अर्घ्य पाठशाला परिवार ने चढाया,मुनि प्रणम्य सागर महाराज की अष्ट द्रव्य से पूजा मीरा मार्ग मंदिर समिति, रुडकी,
सिंगोली, उदयपुर, दिल्ली, मुजफ्फरनगर, आगरा, रोहतक, ग्वालियर, गाजियाबाद, अर्हम योग टीम, प्राकृत टीम सकरार, कटनी, दमोह, किशनगढ़ एवं जयपुर के गणमान्य श्रेष्ठीजनों ने भक्ति में नाचते गाते की।
इससे पूर्व आचार्य विद्यासागर महामुनिराज आचार्य समय सागर महाराज के चित्र का अनावरण समाजश्रेष्ठी शीतल चन्द विजया कटारिया परिवार ने किया,भगवान आदिनाथ के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन नन्द किशोर, प्रमोद, सुनील पहाड़िया ने किया। जयकारों के बीच समारोह का ध्वजारोहण
कवरी लाल, महावीर प्रसाद, अशोक पाटनी सुरेश पाटनी विमल पाटनी, सुशीला पाटनी आर के मार्बल्स किशनगढ़ परिवार ने किया। तत्पश्चात आर के मार्बल्स किशनगढ़ परिवार ने मुनि श्री के पाद पक्षालन एवं कई समाजश्रेष्ठियो ने मुनि श्री को जिनवाणी भेट कर पुण्यार्जन किया, इस मौके पर समाजश्रेष्ठी डी सी जैन, उमराव मल संघी, महेश काला, कमल बाबू जैन,उत्तम चन्द पाटनी, प्रदीप जैन, विनोद जैन कोटखावदा, समाचार जगत के शैलेन्द्र गोधा, सुनील बख्शी,राजीव जैन गाजियाबाद, इन्द्र कुमार जैन, दर्शन बाकलीवाल, मुकेश सोगानी, मनीष बैद, जे के जैन नेमीसागर, सुभाष बज, शांति कुमार ममता सोगानी जापान वाले, विनय सोगानी, पदम बिलाला,तथा राजाबाबू गोधा फागी सहित मंदिर समिति अध्यक्ष सुशील पहाड़िया, मंत्री राजेन्द्र सेठी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील बैनाडा, उपाध्यक्ष तेज करण चौधरी, कोषाध्यक्ष लोकेन्द्र जैन,संयुक्त मंत्री मनोज जैन, संगठन मंत्री अशोक सेठी, सांस्कृतिक मंत्री जम्बू सोगानी व पूरी कार्यकारिणी समिति ने मुनि श्री को श्रीफल भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम के दौरान अर्हम ध्यान योग टीम द्वारा अर्हम ध्यान योग एवं प्राकृत के सम्बन्ध में एवं अकलंक शरणालय रेवाड़ी के बच्चों द्वारा संगीतमय प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक
संचालन शुभम जैन बडा मल्हेरा ने किया, कार्यक्रम में चंद्र प्रकाश, जीतू पाटनी, अशोक पाटनी, सुभाष चोधरी, मदनगंज किशनगढ़,पदम अजमेरा,पदम काला दूदू, ने भी मुनि श्री को श्रीफल भेंट कर मंगलमय आशीर्वाद प्राप्त किया।कार्यक्रम में प्रचार प्रभारी विनोद जैन कोटखावदा ने अवगत कराया कि इससे पूर्व प्रातः मुनि श्री ससंघ के सानिध्य में श्री वर्धमान पूजा विधान का संगीतमय आयोजन किया गया। पूजा के दौरान मंत्रोच्चार के साथ 64 अर्घ्य चढाये गये।
राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान