गुुरु ही भव सागर को पार करा सकते हैं

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बूंदी, 11 जुलाई। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देवपुरा बूंदी के बघेरवाल छात्रावास में मुनि वैराग्य सागर महाराज एवं मुनि सुप्रभ सागर महाराज के सानिध्य में गुरु पूर्णिमा महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
इस अवसर पर मुनि वैराग्य सागर महाराज ने गुरु की महिमा बताते हुए कहा कि जिसके जीवन में गुरु नहीं उसका उत्थान कभी नहीं हो सकता और वह पतन के मार्ग पर प्रशस्त होता चला जाता है। उन्होंने रावण का उदाहरण देते हुए बताया कि रावण विद्वान पंडित होते हुए भी गुरु का मार्गदर्शन नहीं था, वही उसके पतन का कारण बना।
इससे पूर्व मुनि सुप्रभ सागर महाराज ने धर्मसभा में गुरु के महत्व कहा कि जिसके जीवन में गुरु नहीं उसका जीवन अंधकार के समान है। गुरु की संज्ञा देते हुए बताया कि गुरु एक कुंभकार के समान तथा एक इंजीनियर के समान होता है। जिस प्रकार इंजीनियर भवन का निर्माण करता है उसी प्रकार गुरु शिष्य के जीवन का निर्माण करता है और अच्छे संस्कार देता है। मुनिश्री ने गुरु को एक नाविक की संज्ञा भी दी। जिस प्रकार से नाविक के बिना नदी को पार नहीं किया जा सकता उसी प्रकार गुरु के बिना भव सागर से पार नहीं उतर सकते। उन्होंने द्रौणाचार्य और एकलव्य का उदाहरण देते हुए कहा कि शिष्य को भी बिना शर्त व समर्पण के गुरुचरण में आना चाहिए।
इससे पूर्व संभवनाथ भगवान की तस्वीर पर दीप प्रज्वलन शांतिलाल प्रेमचंद मोईवाल परिवार ने किया। इस अवसर पर गौतम गणधर एवं आचार्य शांतिसागर महाराज सहित सभी गुरुओं को अघ्र्य चढ़ाकर पूजन की गई।
इससे पूर्व प्रातः चैगान जैन मंदिर में विराजित तपोभूमि प्रणेता आचार्य प्रज्ञासागर महाराज की शिष्या आर्यिका सत्यमति माताजी एवं हेममति माताजी के सानिध्य में गुरुओं का अघ्र्य चढ़ाकर पूजन किया गया। इस धर्मसभा के पूर्व आचार्य प्रज्ञासागर महाराज एवं भगवान महावीर स्वामी की तस्वीर पर दीप प्रज्वलन किया गया एवं सत्यमति माताजी को निर्मल कुमार, सुरेन्द्र कुमार सोनी द्वारा माताजी का पाद प्रक्षालन व वस्त्र भेंट किए गए। शास्त्र भंेट नरेश कुमार रमेश कुमार गंगवाल द्वारा किया गया।
इस अवसर पर प्रीति दीदी ने संगीतमय भजनों से महौल को भक्तिमय कर दिया। संगीतमय तरीके से गुरु के अघ्र्य चढ़ाये गये। सभा का संचालन अध्यक्ष संतोष पाटनी ने किया। सभी पुण्यार्जकों का स्वागत मंत्री योगेन्द्र जैन, चातुर्मा समिति के संयोजक दीपक गंगवाल ने किया।
अतिआवश्यक
रविन्द्र काला
जैन गजट संवाददाता, बून्दी

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