गुरु भक्त गुमानमल जी ने रचाया विज्ञातीर्थ पर श्री शांतिनाथ महामण्डल विधान

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श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी जिला – टोंक (राज.) के तत्वावधान में गणिनी आर्यिका 105 विज्ञाश्री माताजी के सान्निध्य में गुरुभक्त परिवार गुमानमल जी जयपुर वालों ने श्री 1008 शांतिनाथ महामंडल विधान रचाया । विधान के अंतर्गत 120 अर्घ्य चढ़ाकर अष्टद्रव्य से भगवान शांतिनाथ की महार्चना की गई । तत्पश्चात गुरु माँ के श्री चरणों का पाद – प्रक्षालन किया गया । गुरु माँ के उपवास के पश्चात पारणा महोत्सव का सौभाग्य भी आज के चातुर्मास पुण्यार्जक परिवार को प्राप्त हुआ । आज की शान्तिधारा करने का सौभाग्य नितिन निगोतिया जयपुर एवं प्रदीप जी अडंगाबाद वालों को प्राप्त हुआ ।
माताजी ने प्रवचन में आशीर्वचन देते हुए कहा कि – कभी भी स्वयं को सस्ते में न बेचें । बडी सोच में विश्वास करे। आपकी सफलता का आकार कितना बड़ा होगा , यह आपके विश्वास के आकार से तय होगा। अगर आपके लक्ष्य बड़े होंगे तो आपकी सफलता भी बड़ी होगी । बड़े विचार और बड़ी योजनायें अक्सर छोटे विचारों ओर छोटी योजनाओं से आसान होती है ।

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