फागी संवाददाता
श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी राजस्थान में विराजमान परम पूज्य भारत गौरव श्रमणी गणिनी आर्यिका रत्न गुरुमां 105 विज्ञाश्री माताजी की आज केशलोंचन क्रिया संपन्न हुई। अहिंसा व्रत के पालन हेतु पूज्य माताजी ने अपने बालों को घास के समान अपने हाथ से उखाड़कर उत्कृष्ट चर्या का परिचय दिया। सभी श्रद्धालुओं ने पूज्य माताजी के चरणों में नमन करते हुए संगीत में भक्ति की कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने अवगत कराया कि क्षेत्र पर निर्माणाधीन सहस्रकूंट जिनालय के नींव खुदाई का कार्य शीघ्र गति से चल रहा है। पूज्य माताजी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि साधु संकल्प शक्ति के बल पर कठिन से कठिन साधना भी आसानी से कर लेता है। यह कोई चमत्कार नहीं बल्कि अंतरंग की संकल्प शक्ति को जागृत करना है,छुपी हुई अंतरंग की शक्ति का उद्घाटन कराने वाला जैन दर्शन आध्यात्मिकता में उतरने का रास्ता दिखाता है, जिससे मोक्ष मार्ग प्रशस्त होता है। सहस्रकूट विज्ञातीर्थ क्षेत्र के परम शिरोमणि संरक्षक जितेंद्र जैन भोपाल एवं मुकेश जी बनेठा सपरिवार ने पूज्य आर्यिका संघ की आहार चर्या कराने का सौभाग्य प्राप्त किया।
राजाबाबू गोधा जैन महासभा मीडिया प्रवक्ता राजस्थान