गणिनि आर्यिका श्री आर्षमति माता जी को भक्तामर साधिका की उपाधि से किया अलंकृत
आदिनाथ अतिशय क्षेत्र आदिनाथपुरम रानीला हरियाणा में आयोजित आचार्य ज्ञानसागर अखिल भारतीय प्रतिभा सम्मान समारोह ने सम्पूर्ण भारतवर्ष की जैन समाज में एक अनूठी पहचान कायम की है। भव्य कार्यक्रम के दौरान अतिशय क्षेत्र रानीला जी के चेयरमैन श्री विजय जैन, अध्यक्ष श्री तिलक जी जैन एवं समस्त कमेटी ने देश भर से उपस्थित जैन समाज की सहमति से गुरु मां को भक्तामर साधिका की उपाधि से विभूषित किया। इस अवसर पर रानीला समिति के अध्यक्ष ने कहा कि माताजी में अद्धभुत तेज है जिसका साक्षात्कार वर्षायोग के दौरान किया है। माताजी भक्तामर की विशेष साधक है जिसका जीवन्त उदाहरण 48 दिवसीय भक्तामर आराधना के दौरान दृश्य गत हुआ। गणिनी आर्यिका आर्ष मति माताजी गुरुवर ज्ञान सागर जी के पद चिन्हों पर चल इतिहास रच रही हैं।
ज्ञानार्ष भक्त परिवार की युवा टीम ने रजत प्रतिभा सम्मान आयोजित कर इतिहास रचा है। साथ ही पूज्य माताजी में युवाओं को प्रेरणा देने की अनूठी शक्ति तो है ही साथ ही माताजी पूर्ण ऊर्जा से ओतप्रोत हैं। अल्प दीक्षा काल मे ही माताजी द्वारा अनेको बड़े कार्य किये जा रहे हैं जो उनकी दूरदर्शिता एवं उत्कृष्ट चिंतन का परिणाम है।
प्रेषक:- संजय जैन बड़जात्या
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