फागी कस्बे सहित परिक्षेत्र के जिनालयों में पर्यूषण महापर्व के सातवें रोज़ आज उत्तम तप धर्म की पूजा अर्चना हुई हर्षोल्लास पूर्वक सम्पन्न

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फागी कस्बे सहित परिक्षेत्र के जिनालयों में पर्यूषण महापर्व के सातवें रोज़ आज उत्तम तप धर्म की पूजा अर्चना हुई हर्षोल्लास पूर्वक सम्पन्न

उत्तम तप का मतलब शरीर मन और वाणी को संयमित करके आत्मा से बंधे कर्मों को नष्ट करना है जो आत्मा को शुद्ध और उन्नत बनाकर मोक्ष की ओर ले जाती है उत्तम तप का मुख्य उद्देश्य अशुभ कर्मों को नष्ट करना है

आर्यिका सुरम्य मति माताजी

फागी संवाददाता

फागी कस्बे के पार्श्वनाथ चैताल्य में विराजमान आर्यिका सुरम्यमति माताजी स संघ के पावन सानिध्य में अग्रवाल सेवा सदन में वर्षा कालीन वाचना में पर्यूषण महापर्व के पावन अवसर पर आज सातवें दिन उत्तम तप धर्म की पूजा अर्चना हर्षोल्लास पूर्वक सम्पन्न हुई कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने बताया कि कार्यक्रम में आज सौधर्म इन्द्र परिवार के रामस्वरूप ,शिखर चंद ,राजेंद्र कुमार, सिद्ध कुमार,पवन कुमार, जितेंद्र कुमार, सचिन, सौरभ, देवांशु, अतिशय जैन मोदी परिवार जनों के द्वारा महा शांति धारा करने के बाद दस लक्षण महामंडल विधान पर
24अर्घ्य समर्पित कर सुख समृद्धि की कामना की गई इसी कड़ी में बोली के माध्यम से दूसरी शांति धारा इन्हीं के सौधर्म इंद्र परिवार जनों ने शांति धारा करके धर्म लाभ प्राप्त किया,इसी कड़ी में पार्श्वनाथ चैत्याल्य में आर्यिका सुरम्य मति माताजी ने उत्तम तप धर्म पर प्रकाश डालते हुए श्रृद्धालुओं को बताया कि उत्तम तप का मतलब शरीर, मन और वाणी को संयमित करके आत्मा से बंधे कर्मों को नष्ट करना, जो आत्मा को शुद्ध और उन्नत बनाकर मोक्ष की ओर ले जाती है, उन्होंने कहा कि उत्तम तप का मुख्य उद्देश्य अशुभ कर्मों को नष्ट करना है जो आत्मा की अशुद्धियों के समान है और जन्म मरण का कारण बनते हैं, उन्होंने बताया कि उत्तम तप धर्म वह आचरण है जो इंद्रियों एवं इच्छाओं को वश में रखकर आत्म-शुद्धि और कर्म क्षय के द्वारा मोक्ष की ओर ले जाता है,कार्यक्रम में चातुर्मास समिति के महामंत्री संतोष बजाज ने बताया कि उक्त कार्यक्रम बाल ब्रह्मचारिणी कनक दीदी के दिशा निर्देश में विभिन्न मंत्रोच्चारणों के द्वारा संगीतकार हर्ष जैन एंड कंपनी मध्य प्रदेश की मधुर लहरियो के बीच सम्पन्न हुआ,
कार्यक्रम में सरावगी समाज के अध्यक्ष महावीर अजमेरा एवं चातुर्मास समिति के पारस मोदी ने बताया कि आज नव देवता, देव, शास्त्र ,गुरु, मूलनायक भगवान की पूजा की गई सोलह करण जी, पंचमेरु, दस लक्षण विधान में उत्तम तप धर्म, 24 तीर्थंकरों की पूजा, जिनवाणी मां की पूजा,स्वयंभू स्तोत्र, तथा आचार्य सुन्दर सागर जी महाराज, आर्यिका सुरम्य मति माताजी सहित विभिन्न दिगम्बर आचार्यों, आर्यिकाओं तथा विभिन्न तीर्थंकरों की पूजा अर्चना की गई।

राजाबाबू गोधा जैन महासभा मिडिया प्रवक्ता राजस्थान

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