फागी कस्बे में चातुर्मास कालीन वाचना में विराजमान आर्यिका सुप्रज्ञमति माताजी स संघ के पावन सानिध्य में संस्कार , संगति एवं आहार पर सेमिनार का आयोजन किया गया जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने अवगत कराया कि कार्यक्रम में मंदिर समिति के अध्यक्ष महावीर झंडा,भागचंद बजाज, महावीर बजाज, पंडित संतोष जैन, पंडित केलास कड़ीला, राजेंद्र जैन, शांति लाल जैन, विरेन्द्र नला, आदि श्रावकों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई, कार्यक्रम में जैन धर्म रक्षक पाठशाला के 24 बच्चों के द्वारा मंगला चरण किया, कार्यक्रम में राज श्री कागला, रोनिका नला, सीए रिषभ जैन,आर्जव नला, ललित मांदी, आर्षी जैन, रिषिका, आदित्य कलवाडा,आर्ची मोदी,आस्था चोधरी , कृतिका धमाणा आदि वक्ताओं ने बताया कि मनुष्य को जीवन में संस्कार अपने परिवार से मिलते हैं, परिवार में जैसा खान पान, रहन – सहन,आचार -विचार, व्यवहार होगा वैसा ही बच्चे बच्चियां संस्कार प्राप्त करते हैं , वर्तमान में माता पिता लाड़-प्यार में बच्चों को मोबाइल की लत, फास्ट फूड, आदि की लत बचपन में ही डाल देते हैं जो आगे चलकर जीवन में विपरीत प्रभाव पड़ता, कार्यक्रम में आर्यिका सुप्रज्ञमति माताजी ने अवगत कराया कि बचपन में मिले संस्कार, संगति एवं आहार मनुष्य के अच्छे -बुरे का निर्माण करते हैं। यदि मनुष्य को बचपन तीनों संस्कार अच्छे मिलते हैं तो मनुष्य सत्पुरुष बन जाता है एवं सुसंस्कारों के अभाव में वह गलत मार्ग अपना लेता है। अतः सभी माता पिता को अपने बालकों में बचपन से अच्छे संस्कार देकर उनके भविष्य का अच्छा निर्माण कर सज्जन पुरुष बनाने में सहयोग करना चाहिए, आर्यिका श्री ने कहा कि वर्तमान में बाजार में अनेक सौन्दर्य प्रसाधन की सामग्री,अनेक खाद्य पदार्थ
हिंसक पदार्थों से बने हुए आ रहे हैं जिससे हमारा खान पान बिगडता जा रहा है, कार्यक्रम में जैन धर्म रक्षक पाठशाला के संयोजक निखिल जैन लावा एवं संतोष बजाज ने अवगत कराया कि कार्यक्रम में समाज के सभी प्रबुद्ध जनों एवं जैन धर्म रक्षक पाठशाला के बच्चों सहित सारा सकल जैन समाज मोजूद था।
राजाबाबू गोधा जैन महासभा मीडिया प्रवक्ता राजस्थान