फागी कस्बे के पार्श्वनाथ जिनालय में विराजमान आर्यिका सुरम्यमति माताजी स संघ के पावन सानिध्य में 15 अगस्त को जैन धर्म के 16 वें तीर्थंकर शांतीनाथ भगवान का गर्भ कल्याणक महोत्सव मनाने के साथ ही 79 वां स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया

0
1

फागी संवाददाता
16 अगस्त

फागी कस्बे में विराजमान आर्यिका सुरम्यमति माताजी स संघ के पावन सानिध्य में 15 अगस्त के पावन पर्व पर अभिषेक, शांतिधारा अष्ट द्रव्यों से पूजा अर्चना करने के बाद जैन धर्म के 16 वें तीर्थंकर शांतीनाथ भगवान का जयकारों के गर्भ कल्याणक का अर्घ्य समर्पित कर सुख समृद्धि की कामना की गई साथ ही 15 अगस्त के पावन पर्व पर आर्यिका श्री के पावन सानिध्य चातुर्मास समिति के अध्यक्ष मोहनलाल झंडा एवं मंदिर समिति के अध्यक्ष महावीर झंडा ने 79 वां स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय ध्वज फहराया, इस मौके पर जैन समाज के सभी लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज के नीचे देश भक्ति की भावना के साथ सामूहिक रूप से राष्ट्रगान गाकर भारत माता की जयकारों के नारे लगाए, कार्यक्रम में मंदिर समिति के कमलेश चौधरी ने बताया कि उक्त अवसर पर समाज के उपस्थित जनसमुदाय को लड्डू वितरित किए गए, कार्यक्रम स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आर्यिका सुरम्य मति माताजी ने अपने मंगलमय प्रवचनों में श्रृद्धालुओं को स्वतंत्रता के बारे में बताया कि स्वतंत्रता दिवस, हमें देशभक्ति, अनुशासन और सेवाभाव का संदेश देता है लेकिन हम स्वयं स्वतंत्र नहीं हो पा रहे हैं जिन शासन आपको अपने स्वंय के कर्मों से स्वतंत्र करना चाहता है स्वतंत्रता दिवस मनाने का सही मायना हमें अपनी कषायों से स्वतंत्र होना है, बुरी संगति, बुरे विचार एवं बुरी आदतों से हमें स्वतंत्र होना है, अंग्रेजों द्वारा तो हम स्वतंत्र हो गए लेकिन उनके द्वारा दी गई संस्कृति से क्या हम स्वतंत्र हैं ,उन्होंने चाय का उदाहरण देकर बताया क्या आज तक भी हम इसे छोड़ पाए इसी कड़ी में आर्यिका श्री ने बताया कि
किसी भव्य जीव के निमित्त भी महापुरुषों की वाणी खिर जाती है किसी के अंतिम समय में भी यदि वह पुण्यशाली जीव होता है तो किसी साधु का सानिध्य मिल जाता है और अच्छी गति प्राप्त हो जाती है आर्य खंड भारत क्षेत्र के बारे में जानकारी देते हुए माताजी ने बताया कि भगवान आदिनाथ के पुत्र प्रथम चक्रवर्ती भरत स्वामी ने 6 खंडो को जीतकर प्रथम आर्य खंड भरत चक्रवर्ती बने तब से ही आर्य खंड भरत क्षेत्र के नाम से जाना जाता है यह हमारा सौभाग्य है ,माताजी ने बताया केवल अपने धर्म की क्रियाओ को कर लेना ही धर्म नहीं है हर समय आपके हृदय में जीव दया का भाव होना चाहिए धार्मिक कार्य करना अच्छी बात है, पूजा पाठ करना अच्छी बात है, लेकिन अहिंसा परमो धर्म में केवल अभिषेक पूजन या नित्य देव दर्शन करना ही धर्म नहीं कहा सभी जीवो के प्रति मैत्री भाव वात्सल्य सही मायने में धर्म है जो कि हमेशा हमारे आचरण में होना चाहिए चाहे स्थान कोई सा भी हो
इसी कड़ी में चातुर्मास समिति के मितेश लदाना ने बताया कि अग्रवाल सेवा सदन में सांयकाल विचित्र वेशभूषा प्रतियोगिता रखी गई जिसमें बच्चे एवं युवाओं ने स्वतंत्रता दिवस के क्रांतिकारियों का एवं महापुरुषों का वेश बनाकर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जिसमें मुख्य रूप से विनोद कलवाड़ा ने भगत सिंह एवं मोहन कलवाड़ा ने गांधी जी का रूप बनाया जो आकर्षण का केंद्र रहा प्रतियोगिता के बाद सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया गया‌, कार्यक्रम में फागी पंचायत के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा ने बताया कि 48 दिवसीय भक्तामर दीप अर्चना में पदमचंद, पारस कुमार, संतोष कुमार, अंकुर कुमार, वैभव कुमार ,यश कुमार बजाज परिवार द्वारा सहभागिता निभाते हुए धर्म लाभ प्राप्त किया, कार्यक्रम में अनिल कठमाना ने बताया कि उक्त समय समाजसेवी सोहनलाल झंडा, मोहनलाल झंडा, कैलाश कलवाड़ा, अग्रवाल समाज के अध्यक्ष महावीर झंडा, सरावगी समाज के अध्यक्ष महावीर अजमेरा,ओमप्रकाश डेठानी, पंडित कैलाश कडीला, रमेश बिंदल माधोराजपुरा वाले, महावीर लदाना,रमेश बावड़ी,पारस नला,पारस मोदी,सुशील कलवाडा, विनोद मोदी, योगेन्द्र झंडा, विकास नला, राहुल बजाज, गौरव नला, उज्जवल झंडा, तथा अरूण गंगवाल, सहित सभी श्रावक श्राविकाएं मोजूद थे।

राजाबाबू गोधा जैन महासभा मिडिया प्रवक्ता राजस्थान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here