फागी कस्बे के पार्श्वनाथ चैताल्य में विराजमान आर्यिका सुरम्यमति माताजी पावन चातुर्मास 2025 में बढ़ा रही है ज्ञान और धर्म की प्रवाहना
णमोकार महामंत्र अष्ट कर्मों को नष्ट करके व्यक्ति के जीवन में खुशहाली और सुख समृद्धि प्रदान करता है
आर्यिका सुरम्यमति माताजी
फागी संवाददाता
फागी कस्बे में विराजमान आर्यिका सुरम्यमति माताजी स संघ के पावन सानिध्य में ज्ञान और धर्म की ऐतिहासिक प्रभावना बढ़ रही है, श्रृद्धालु जन भक्ति भावना से नियमित धर्म लाभ प्राप्त कर रहे हैं , कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने बताया की 25 सितम्बर को पार्श्वनाथ चैत्याल्य में अभिषेक, शांतिधारा, अष्ट द्रव्यों से पूजा अर्चना करने के बाद श्रावकों द्वारा आर्यिका सुरम्य मति माताजी को मंगलमय प्रवचन हेतु श्रीफल भेंट कर निवेदन किया ।
कार्यक्रम में सरावगी समाज के अध्यक्ष महावीर अजमेरा एवं अग्रवाल समाज के अध्यक्ष महावीर झंडा ने बताया कि पावन चातुर्मास में नियमित प्रवचन श्रृंखला की कड़ी आर्यिका सुरम्य मति माताजी ने अपनी मंगलमयी वाणी से श्रृद्धालुओं को णमोकार महामंत्र पर प्रकाश डालते हुए बताया णमोकार महामंत्र 84 लाख मंत्रो का राजा है, कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि णमोकार महामंत्र के जप से शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शुद्धि होती है, जिससे भय, चिंता, तनाव ,नकारात्मकता और सभी कष्ट दूर होते हैं, यह मंत्र अष्ट कर्मों को नष्ट करके व्यक्ति के जीवन में खुशहाली ओर सुख समृद्धि प्रदान करता है,णमोकार मंत्र को जैन धर्म में सबसे श्रेष्ठ मंत्र माना गया है, यह मंत्र सभी पापों को नष्ट करने वाला मंत्र है, यह मंत्र अरिहंतों,सिद्धों, आचार्यों, उपाध्यायों और सभी साधुओं को नमस्कार करता है, इस मंत्र का जाप मन की शांति ,पापों से मुक्ति और मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है, कार्यक्रम में चातुर्मास समिति के महामंत्री संतोष बजाज ने बताया कि कार्यक्रम सभी श्रावक श्राविकाओं ने सहभागिता निभाते हुए मां जिनवाणी को याद कर आर्यिका श्री से मंगलमय आशीर्वाद प्राप्त किया।
राजाबाबू गोधा जैन महासभा मिडिया प्रवक्ता राजस्थान