ललितपुर। लंदन हैरो श्री शांतिनाथ जिनालय में पर्यूषण पर्व के अवसर पर प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ के निर्देशक व अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्रि परिषद के महामंत्री ब्रह्मचारी जयकुमार निशांत भैया जी द्वारा पर्युषण पर्व की बेला में अभूतपूर्व धर्म प्रभावना की गई, जिसमें सभी श्रावक श्राविकाओं ने अभिषेक, शांति धारा, पूजा एवं दशलक्षण विधान के साथ उपवास, एकाशन, स्वाध्याय, प्रतिक्रमण एवं ध्यान के माध्यम से पर्युषण पर्व में संयम पूर्वक धर्माचरण किया।
*अभूतपूर्व प्रभावना*
प्रचारमंत्री डॉ सुनील जैन संचय ने बताया कि इंग्लैंड के प्रसिद्ध लाइका रेडियो एवं टीवी चैनल के माध्यम से साक्षात्कार करते हुए जयनिशांत भैया जी ने वहां के संचालक श्री रवि शर्मा एवं श्रीमती अलका जैन के माध्यम से संपूर्ण इंग्लैंड में प्रसारित होने वाले कार्यक्रम में दशलक्षण पर्व के बारे में बताते हुए विश्व मैत्री, सद्भावना, वात्सल्य के पर्व के रूप में तथा मानवीय विकृति क्रोध, मान,अहंकार, ईर्ष्या,परस्पर विद्वेष आदि को दूर करते हुए संयम साधना करके अपने मन को शुद्ध करना बताया। अपने शरीर, वाणी एवं मन से होने वाली हिंसा को कम करते हुए अपने चित्त को, परिणामों को शांत रखना, विपरीत परिस्थिति में भी हम अपने आप को स्थिर रखते हुए सद्भावना बना कर रखें।
*जैनधर्म आत्मधर्म*
उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में सभी भाषाओं, धर्म, परंपराओं, संस्कारों एवं संस्कृतियों का बहुमान किया जाता है। इसमें अन्य धर्म जहां शारीरिक सुविधाओं एवं संपन्नता की बात करते हैं ,जैन दर्शन शरीर से हटकर आत्मा के उन्नयन की विधि को स्वीकार करता है। प्रत्येक प्राणी अपने आप को विशुद्ध करते हुए परमात्मा बन सकता है ।
*पर्युषण महापर्व*
जैन दर्शन में दश लक्षण पर्व के साथ विशेष पर्व सोलह कारण, पुष्पांजलि, सुगंध दशमी, अनंत चतुर्दशी, रत्नत्रय, क्षमा वाणी का समावेश होता है। जिसके माध्यम से साधक संयम साधना व्रत ,उपवास करते हुएअपने द्वारा किए हुए अपराधों की क्षमा याचना करके सभी के प्रति सद्भावना, प्रेम, विश्व मैत्री, परस्परोपग्रहो जीवानाम्, अहिंसा परमो धर्म को जीवन में उतारने का पुरुषार्थ करता है।
*प्रभावना सौजन्य*
इस परिचर्चा में श्री योगेंद्र जी का निर्देशन तथा राजेश जी के सान्निध्य एवं सौजन्य से यह प्रभावना लंदन के साथ संपूर्ण इंग्लैंड में की गई।
*शुभकामनाएं*
अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन शास्त्री परिषद् के महामंत्री एवं प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ के निर्देशक ब्र.जय निशांत भैया जी को भारत के सभी विद्वानों की ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की हैं, उन्होंने भारतीय संस्कृति के साथ-साथ जैन धर्म की प्रभावना का कार्य विश्व स्तर पर संपादित किया है।
*सौजन्य*
श्री शांतिनाथ जिनालय छतरपुर मध्यप्रदेश भारत के निवासी श्री राजेश कुमार जी एवं श्रीमती मीता जैन ने अपने गृह प्रांगण में निर्मित कराकर यह पावन पुनीत कार्य किया है ।जिसकी वेदी प्रतिष्ठा विगत अप्रैल में भैया जी के निर्देशन में ही संपन्न हुई थी।