द्विदिवसीय पर्वतराज श्री सम्मेद शिखर जी की परिक्रमा
आज शनिवार दिनांक 15-11- 25 परम पूज्य गणिनी आर्यिका 105 सौम्यनंदनी माता जी की प्रथम शिष्या गणिनी आर्यिका 105 सुयोग्यनंदनी माता जी ससंघ एवं कोलकाता और बृहत्तर कोलकाता से करीब 400 धर्म प्रेमी बंधुओ सुबह 5 बजे पर्वत राज की परिक्रमा के लिए निमियाघाट से मधुबन की ओर चल पड़े
पर्वत राज की परिक्रमा करने का सौभाग्य बहुत ही बिरले एवं सौभाग्यशाली धर्म प्रेमी बंधुओ को मिलता हैं उस पर आगर किसी पिच्छिधारी संघ का सानिध्य मिल जाय तो फिर किया कहना
गुरु मां ने अपने प्रवचन में बताया हैं कि पर्वत राज की एक बंदना करने में जितना पुण्य मिलता हैं उस से अनंत गुना ज्यादा पुण्य पर्वतराज की परिक्रमा करने से मिलता हैं और अगर साथ में किसी पिच्छिधारी साधु परमेष्ठि संघ का सानिध्य मिल जाय तो अनंत को १० से गुना जितना पुण्य मिलता हैं
आर्यिका माता जी ससंघ के सानिध्य में होने वाली इस परिक्रमा को कोलकाता के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा बहुत से साधर्मी बंधुओं ने अपने जीवन में पर्वत राज की परिक्रमा पहली बार की इतना विशाल जनसमूह के साथ पर्वत राज की परिक्रमा करने अपने आप में सौभाग्य की बात है
मोहित जैन( डबसन) गुरु मां ससंघ का सानिध्य,सिद्ध नगरी में पर्वत राज की परिक्रमा का आनंद ही कुछ और हैं
जितेश जैन बोहरा(अलीपुर) मैने सिर्फ आज तक सुना था आज पर्वत राज की परिक्रमा का अनुभव शब्दों में बयान नहीं कर सकता
निखिल जैन (बाली) पर्वतराज की परिक्रमा के लिए में प्रभु को असंख्य धन्यवाद देता हूं
शशि काशलीवाल (डबसन )गुरु मां ससंघ के सानिध्य,विशाल जनसमूह के साथ पर्वत राज की परिक्रमा कर आनंद आ गया
आगे की परिक्रमा कल रविवार प्रातः 5 बजे तेरहपंथी कोठी मधुबन से प्रारम्भ होगी एवं विभिन्न मार्गों से निमियाघाट जायेगी
सभी साधर्मी बंधुओं में इस परिक्रमा को लेकर काफी उत्साह है

















