दूसरों को सुधारें , उससे पहले स्वयं को सुधारना जरूरी है: आचार्य श्री प्रमुख सागर

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गुवाहाटी : आचार्य श्री प्रमुख सागर महाराज ससंघ का असम के गुवाहाटी मे 2023 का ऐतिहासिक चातुर्मास चल रहा है। इस अवसर पर आज आचार्य श्री ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहां की अनुशासन एक प्रभावी पुरस्कार है, लेकिन उसका तब प्रभाव पड़ता है जब स्वय से प्रारंभ होता है….
अन्यथा अनुशासन हिनता जैसी खतरनाक बीमारी दूसरी कोई नहीं है…!
हम दूसरों को सुधारे ,उससे पहले  स्वयं को सुधारना बहुत जरूरी है। हर पिता अपने बेटे को राम जैसा देखना चाहता है, लेकिन स्वय रावण के कारनामों  से ग्रसित है। इसलिए सबसे अच्छा तरीका है स्वय अपनी मर्यादा की लक्ष्मण रेखा खींचे और उसके भीतर  जीना शुरू करें। फिर देखो कैसे परिवर्तन आता हैं। आज के दौर में किसी को सुधारना या अनुशासन में रखना ऐसा है जैसे बिना पानी के तैरना सीखना। तैरना सीखना है, तो पानी में उतरना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा
जो हम बोलकर नहीं करवा पाते ,वो हम मौन होकर भी  करवा सकते हैं।घर ,परिवार ,समाज, देश ,राष्ट्र , और साधु आदि परिवर्तन चाहते हैं तो स्वय से शुरुआत करो….!!!
इससे पूर्व आज प्रात : श्रीजी की शांतिधारा करने का परम सौभाग्य महावीर प्रसाद- महेंद्र कुमार एवं उदय चंद- कुमकुम देवी पाटनी परिवार गुवाहाटी को प्राप्त हुआ। यह जानकारी समाज के प्रचार प्रसार विभाग के मुख्य संयोजक ओम प्रकाश सेठी एवं सह संयोजक सुनील कुमार सेठी द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।।

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