डॉ. दिलीप धींग को ‘राजस्थानश्री’ सम्मान

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तमिलनाडु एवं पुदुचेरी में रहने वाले समग्र राजस्थानी समाज की 57 वर्ष पुरानी प्रमुख संस्था राजस्थानी एसोसिएशन तमिलनाडु (रजत) द्वारा 21 जनवरी 2024 को शसुन जैन कॉलेज में जैनविद्या विभाग के शोध-प्रमुख साहित्यकार डॉ. दिलीप धींग को राजस्थानश्री अलंकरण से सम्मानित किया गया। पुरस्कार समिति के अध्यक्ष सुभाषचंद रांका ने बताया कि डॉ. धींग को यह प्रतिष्ठित द्विवार्षिक सम्मान उनकी सतत, सुदीर्घ व उत्कृष्ट साहित्य-साधना एवं विभिन्न सामाजिक सेवाओं के लिए प्रदान किया गया। मुख्य अतिथि जीतो अपेक्स के पूर्व चेयरमैन डॉ. नरेन्द्रकुमार ए. बलदोटा, विशिष्ट अतिथि पोलारिस के संस्थापक अरुण जैन, एसोसिएशन के अध्यक्ष एन. मोहनलाल बजाज, मनोनीत अध्यक्ष प्रवीणकुमार टाटिया एवं पदाधिकारियों ने डॉ. धींग को शॉल, साफा, मुक्ताहार, प्रशस्ति और अश्वारूढ़ महाराणा प्रताप की स्वर्णिम प्रतिमा प्रदान करके सम्मानित किया।
डॉ. दिलीप धींग के अलावा समाजसेवी एम. रिखबचंद बोहरा, मंगलचंद तातेड़ और गौरीशंकर राठी को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। समारोह में डॉ. धींग, अन्य सम्मानितों एवं अतिथियों के जीवन और उपलब्धियों के वीडियो दिखाये गए। अरुण जैन ने डॉ. धींग का उल्लेख करते हुए साहित्य के क्षेत्र में सम्मान को रेखांकित किया। डॉ. धींग ने साहित्य के प्रभाव पर बोलते हुए कहा कि चित्तौड़गढ़ के जैन विद्वान मुनि जिनविजयजी की विद्वत्तापूर्ण रिपोर्ट के आधार पर ही माउंट आबू को राजस्थान में मिलाया जा सका। महासचिव देवराज आच्छा ने एसोसिएशन की गतिविधियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। समारोह के अंत में महानगर के अनेक गणमान्य महानुभावों और संस्थाओं ने डॉ. धींग का अभिनंदन किया। प्रिया करनानी ने संचालन किया।
संलग्न: राजस्थानश्री सम्मान फोटो

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