फागी संवाददाता
डॉक्टर डे दिवस पर अन्तराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वरिष्ठ होम्योपैथ डां.एम.एल जैन ” मणि ” ने डाक्टर्स डे पर अपने विचार रखते हुए कहा कि यह दिन केवल एक चिकित्सक के लिए पेशा ही नहीं,बल्कि पीड़ित मानवता की सच्ची सेवा का एक पवित्र माध्यम है,जब कोई भी बीमारी से पीड़ित होता है तब डाक्टर ही दवा देता है,तसल्ली देता है,व बीमारी ठीक होने का आत्मविश्वास जगाता है।यह उस मोमबत्ती की तरह होता है जो स्वंय जलकर दूसरे के जीवन को रोशन करता है यदि स्वंय के पास समय नहीं है तो भी बिना अपने नुकसान की सोचे मरीज को पूरा समय देता है। वह बीमारी से लडने की आशा जगाता है,तथा जीवन बचाता है। मरीज जब बीमारी के कठिन समय में होता है तो डाक्टर केवल दवा ही नहीं देता बल्की मरीज की मानसिकता भी बदलता है तथा बीमारी को सहने की शक्ती भी देता है,जिससे वह घबराये नहीं।हालांकि लोग डाक्टर को दूसरा भगवान मानते हैं,पर ऐसा नहीं वह भी इन्सान ही है।कई बार हम एक डाक्टर से बहुत ज्यादा अपेक्षा कर लेते हैं,लोग हाथ-पांव जोड़े हैं गिडगिडातें हैं,पर डाक्टर अपने पूर्ण विवेक से जो मरीज हित में होता है वह करता है।एक डाक्टर की पर्ची किसी की जिन्दगी बदल देती है,यदि मरीज उसके कहे अनुसार चले।डाक्टर एक वह व्यक्ति है जो अपने ज्ञान,अनुभव,कौशल और करुणा से हर जीवन में बीमारी के प्रति विश्वास का संचार करता है।कई बार जब डाक्टर की दवा काम नहीं करती तब भी वह उसके लिए दुआ करता है तथा तसल्ली दिलाता है। एक डाक्टर को अपनी कमाई के अतिरिक्त सेवा का काम भी करना चाहिए व अपनी आमदनी का कुछ भाग पीड़ित मानवता के लिए भी लगाना चाहिए।
राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान