दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलन का गरिमामय समापन

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दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलन का गरिमामय समापन
बाबा राम देव स्वामी ने अपना पूरा जीवन मानव समाजनकों समर्पित कर दिया…. अंतर्मना प्रसन्न सागर जी
बाबा जी योग तो अंतर्मना का उपवास जन जन के लिए प्रेरणा दायक है… पीयूष सागर जी
आलौकिक आयोजन में भक्तों ने योग के साथ हर मास एक उपवास का संकल्प लिया

सोनकच्छ:/कोडरमा
हमने इतने उपवास किए तुम महीने में एक उपवास तो कर ही सकते हो। आप के उपवास करने से मुझे कोई फायदा नहीं होगा वह उपवास आप को ही लाभ पहुंचाएगा। आज के समय में व्यक्ति मतलब की सब बात  समझ जाता है लेकिन बात का मतलब बहुत कम लोग समझ पाते है। इसलिए में कहता हु मैने दीपक से पूछा तू जलता क्यों है दीपक ने कहा किसी पाव को लगे न ठोकर इसलिए में जलता हु। स्वयंकों दीपक बना कर अपनी यात्रा प्रारंभ करो। बाबा राम देव स्वामी ने अपना पूरा जीवन मानव समाजनकों समर्पित कर दिया उनका योग जनमानस को निरोगता प्रदान कर रहा है। क्योंकि जीवन में सबसे मूल्यवान चीज अगर कोई है तो वह आप खुद स्वयं हो। , यह बात  भारत मंडपम दिल्ली के सभागृह में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलन के दूसरे दिन “हर मास–एक उपवास”के प्रेरणा स्तंभ उपवास शिरोमणि अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज ने उपस्थित भक्तों से कही।  उन्होंने भक्तों से कहा कि 13 दिसंबर का यह दिन अब हर साल विश्व उपवास दिवस के रूप में संपूर्ण विश्व मनाए। ऐसी में सरकार से अपेक्षा करता हु सरकार इस निवेदन को स्वीकार करे। इस अवसर ओर गुरुदेव ने आयोजन में सहभागी व उपस्थि भक्तों के साथ जनमानस को मंगलआशीर्वाद देकर अपनी वाणी को विराम दिया

आयोजन का मुख्य उद्देश्य :–
गुरुदेव ने आयोजन के मुख्य उद्देश्य के बारे बताते हुए कहा कि भारत की प्राचीन योग, ध्यान और उपवास परंपराओं की वैज्ञानिक दृष्टि से विवेचना होना। शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि के लिए उपवास एवं ध्यान के व्यावहारिक मार्ग की संस्तुति व स्वदेशी जीवनशैली, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेदिक पद्धति के वैज्ञानिक चिंतन का प्रसार के साथ , ‘हर मास एक उपवास’ अभियान का एक वैश्विक आंदोलन के रूप में संप्रवर्तन करते हुए मानव जीवन को निरोगता प्रदान करना।

योग उपवास के प्रति संतों समागम के विचार:–

प्रवक्ता रोमिल जैन ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलन समापन आयोजन की शुरुवात संघ के प्रदीप जैन मामा के मंगलाचरण से हुई। संघत क्षुल्लक श्री नेगम सागर जी महाराज द्वारा ॐ कार ध्वनि व नवकार मंत्र की ऊर्जा गीत संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया। बहन प्रियंका दीदी द्वारा अष्टांग योग की महिमा व  ध्यान कराकर आध्यात्मिक शक्ति का दर्शन कराया।  ज्योतिष रवि गुरु जी द्वारा उपवास कौन से दिन ओर कैसे किया जाए उसके बारे में विस्तार से बताया। वही पवन गोधा ने कहा हर मास एक उपवास जैन धर्म एक के  सबसे बड़े इतिहास गाथा होगी।
संघत मुनि सौम्य मूर्ति पीयूष सागर जी महाराज ने  योग और ध्यान पर जनसमुदाय का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि बाबा राम देव जी ने योग प्रणायाम किसी एक के लिए नहीं संपूर्ण विश्व के मानव के लिए बताया है। जिस पर हवा, पानी, अग्नि, योग संपूर्ण मानव समाज के लिए है उसी प्रकार अंतर्मना आचार्य व उपवास जन–जन के लिए है। मंत्री कपिल मिश्रा जी ने गुरुदेव देव के तप उपवास की अनुमोदना करते हुए हर मास एक उपवास के उद्देश्य की प्रशंसा की।
इसअवसर पर  गुरुदेव ने ब्रिटिश  पार्लियामेंट द्वारा बेस्ट रोबोटिक परफॉर्मेंस के लिए सम्मानित 9 साल की बिटिया आराध्य जैन गाजियाबाद का सम्मान स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया।

दोनों सत्र में मुख्य रूप चिंतन बिंदु:–
आयोजन के दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलन में विचारकों द्वारा योग तथा ध्यान की तप साधना द्वारा मानसिक एवं शारीरिक शुद्धि की प्रक्रिया का रोचक वर्णन किया। उपवास का आध्यात्मिक महत्व एवं ऐतिहासिक परंपरा के बारे में भक्तों का मार्गदर्शन किया।
विविध उपवास पद्धतियाँ एवं उनके विज्ञान-सम्मत नियम बताते हुए व्रत उपवास का शरीर, मन और चेतना पर क्या प्रभाव होता है मानव के साथ साथ जीव जंतु व पर्यावरण संरक्षण आदि पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण प्रभाव का बोध कराया।
आयोजन का सफल संचालन ब्रह्मचारी तरुण भैया व आभार श्री गजेंद्र बज महासभा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने किया।

समाचार संकलन
अंतर्मना सेवक
रोमिल जैन सोनकच्छ*
कोडरमा
जैन राज कुमार अजमेरा

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