देखने की दृष्टि को अच्छी बना लो यही धर्म है

0
3

देखने की दृष्टि को अच्छी बना लो यही धर्म है
जैन मुनि प्रज्ञानसागर महाराज
नैनवा जिला बूंदी 5 सितंबर शुक्रवार 2025
प्रयुषण पर्व के 9 रोज शांति वीर धर्म स्थल पर भगवान के पंचामृत अभिषेक व शांति धारा संपन्न हुई आकिंचन धर्म पर मुनि ने बताया परिग्रह का त्याग करना ही धर्म का महत्व है
मुनि ने बताया की संसार के सारे रिश्ते स्वार्थ पर टिके हुए हैं संसार मैं स्वार्थ बिना कोई रिश्ता ही नहीं है सारे रिश्ते स्वार्थ है जिस दिन मनुष्य का स्वार्थ अपनों के प्रति नहीं होगा तब ही रिश्तो में दूरियां होना प्रारंभ होगी
अपनी देखने की दृष्टि अच्छी होने पर ही पूरा संसार हमें अच्छा लगने लगेगा मुख्य तो दृष्टि से ही संसार का प्रत्येक प्राणी दुखी हो रहा है
कहीं आंखों से आंखें मिलने पर ही डर लगता है कहीं आंखें इतनी सुंदर रहती है देखने पर ही प्रसन्नता होती है
आंखें दोनों ही बराबर है फर्क बहुत ज्यादा है

मुनि ने अभी बताया कि करोड़ों की संपत्ति मनुष्य के पास रखी हुई है परंतु शांति नहीं मिल रही शांति अपनी आत्मा से बहुत दूर चली गई उसे लाने के लिए परिग्रह भोगों का त्याग करना ही होगा तभी आत्मा में शांति प्रकट होगी
महाराज ने यह भी बताया की शांति की अब तक कोई ऐसी औषधि नहीं बनी यह बाजार से खरीद कर शांति प्राप्त कर लो
मनुष्य को अपनी सरलता सहायता वाणी से शांति प्राप्त हो सकती है ऐसा मुनि ने बताया
जो जीव चारों तरफ से पापों में घिर जाता है उसके पास धर्म नहीं आता
प्रसिद्ध सागर महाराज ने बताया कि मनुष्य धर्म के पीछे नहीं धन के पीछे दौड़ रहा है अपने पास अपार धन संपदा होने पर भी मनुष्य उसे बढ़ाने में लगा हुआ है त्याग करना तो चाहता ही नहीं है धन को धर्म के कार्यक्रम में लगाने से मनुष्य के विचारों में धर्म के प्रति श्रद्धा भावना जागृत होगी धर्म को समझने पर ही धर्म का ज्ञान आत्मा मे प्रवेश होगा ऐसा मुनि ने बताया
भगवान की शांति धारा करने का सौभाग्य चौथमल ज्ञानचंद हरसोला परिवार ने प्राप्त किया
महावीर कुमार सरावगी
चातुर्मास प्रचार मंत्री

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here