नई दिल्लीः दिगंबर जैन मंदिर कैलाश नगर में चातुर्मास कर रहे आचार्य श्री सुबल सागरजी के शिष्य मुनि श्री अभेधसागरजी और अगर्भ सागरजी महाराज ने 7 अक्तूबर को दि. जैन मंदिर पटपडगंज से विहार कर दिगंबर जैन मंदिर निर्माण विहार पधार कर मंदिर के दर्शन कर अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की, उपाध्याय श्री गुप्तिसागरजी के सान्निध्य में सन 2000 में स्थापित इस भव्य वीरोदय तीर्थ में श्री महावीरजी, तिजारा व पदमपुरा अतिशय क्षेत्रों की मूलनायक बेदियों की
प्रतिकृतियां हूबहू स्थापित हैं। ऊपर की मंजिल पर गुफा में श्रवणबेलगोला की तरह ही अंतिम श्रुतकेवली आचार्य श्री भद्रबाहु जी के चरण स्थापित हैं। यहां विराजमाान गणिनी आर्यिका आर्षमति, अमोघमति, अर्पणमति व अंशमति माताजी संघ ने मुनियों की वंदना कर धर्मचर्चा की। सभी ने पूरे मंदिर परिसर, तथा छत पर भव्य त्रय शिखर के दर्शन कर अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की। समस्त समाज और महिला मंडल ने मुनियों को नमन-वंदन किया। मुनिद्वय सभी को आशीर्वाद
प्रदान कर कैलाशनगर के लिए विहार कर गए।
प्रेषकः रमेश चंद्र जैन एडवोकेट नवभारत टाइम्स, नई दिल्ली।
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