दिगंबर संत संसार के संत होते हैं व्यक्ति विशेष के नहीं
जैन मुनि प्रज्ञान सागर महाराज
नैनवा जिला बूंदी 23 सितंबर मंगलवार 2025
शांति वीर धर्म स्थल पर प्रात 8:00 बजे नवरात्रा दूसरे दिन मुनि ने संबोधित करते हुए बताया कि मंगल ग्रह ऐसा ग्रह है जिससे मनुष्य इधर से उधर ग्रह के चक्कर में भटकता रहता है अच्छा काम करता है परंतु उसका नाम नहीं होने से क्रोध में आकर अपने स्वरूप को बिगाड़ रहा है अपने भाई को भाई नहीं मानकर मंगल ग्रह के कारण ही अभद्र भाषा का प्रयोग करता है
मुनि ने यह भी बताया जंगल में गाय चराने वाला ग्वाले को एक पेड़ में घोसले में जिनवाणी माता का ग्रंथ मिला वह ग्रंथ को जानता नहीं था इसकी जानकारी से पूछ कर इस ग्रंथ को जैन मुनि के लिए उसने भेंट किया उसे जिनवाणी भेंट के प्रभाव से ग्वाला अगले भव में कुंदकुंद भगवान का जन्म हुआ
स्नेह प्यार की भाषा सबसे अच्छी भाषा है मुनि ने बताया की भाई से भाई की ताकत बहुत बड़ी ताकत होती है राम और रावण के जब युद्ध हुआ तो रावण के साथ उसका भाई नहीं था राम के साथ लक्ष्मण था जीतने का कारण उसका भाई लक्ष्मण होना बताया
छोटी-छोटी बातों पर आज का मनुष्य बहुत गुस्सा उत्पन्न कर रहा है गुस्से के कारण उसके अच्छे काम भी बिगड़ जाते हैं गुस्सा तीव्र गति से आने पर मनुष्य को मौन धारण करना चाहिए
मुनि ने बताया कि
दिगंबर संत जन जन के संत होते हैं व्यक्ति विशेष के कभी भी संत नहीं होते अमीर गरीब दोनों को अपना शुभ आशीष देते हैं दोनों भक्तों को सम्मान दृष्टि से देखते हैं
मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु गुस्सा मुनि ने बताया
अच्छे मनुष्य का भी गुस्सा स्वरूप बिगाड़ देता है
थोड़े समय बाद गुस्सा चला जाएगा गुस्से के कारण मनुष्य न जाने कितने अपराध कर लेता है अपने मन के गुस्से को काबू में रखना सबसे बड़ा मुनि ने धर्म बताया
शरीर का श्रंगार करने में मनुष्य कीमती समय गवा रहा है
जैन मुनि प्रसिद्ध सागर महाराज ने बताया कि ईश्वर ने मनुष्य को गोरा काला रंग दिया है वह बहुत सोच समझ कर दिया है रंग गोरा और काला होने से कोई फर्क नहीं पड़ता सब का खून लाल ही है मनुष्य के चरित्र की पूजा होती है रंग की नहीं
मनुष्य सफेद बालों को काला करता है क्रीम पाउडर शैंपू आदि शरीर पर लगाकर चमकता है जबकि मनुष्य को अपनी वाणी पर ध्यान देना चाहिए श्रृंगार पर नहीं मीठी वाणी मन भावुक होती है मधुर वाणी से दुश्मन भी दोस्त बन जाता है मनुष्य की शोभा श्रृंगार से नहीं अपनी वाणी से होती है
भगवान का दीप प्रज्वलित और मुनि के पाद पक्षालन करने का सौभाग्य मोहनलाल कमल कुमार मनीष जॉनी पम्मी मारवाड़ा परिवार को मिला
प्रतिष्ठाचार्य भागचंद जैन सलूंबर ने बताया कि आज भगवान के विधान में 124 श्रीफल चढ़कर भगवान की अर्चना भक्ति की
महावीर कुमार सरावगी
चातुर्मास प्रचार मंत्री