दिगंबर संत आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने बनाया मृत्यु को महोत्सव

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दिगंबर संत आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने बनाया मृत्यु को महोत्सव

महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान
आज दिनांक 26 जुलाई को परम पूज्य, प्रवचन केसरी ,मुनि श्री 108 विश्रांत सागर जी महाराज ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि जिंदगी भर गृहस्थ अवस्था में जिसने पाप किए और यदि वह गुरु चरणों में आ जाता है तो उसका नियम से कल्याण हो जाता है, अभी 5-7 दिन पहले एक श्रावक
परम पूज्य पट्टाचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी के चरणों में विरागोदय पथरिया आए और उन्होंने आचार्य श्री के चरणों में अपनी भावना व्यक्त की ,आचार्य श्री ने उन्हें मुनि दीक्षा प्रदान करके संल्लेखना पूर्वक समाधि मरण करवा दिया
🙏 ऐसे जीवों का तीव्र पुण्य कर्म का उदय होता है अपने जीवन भर के पाप गुरु चरणों में 5 दिन में काट लिए, धन्य हैं ऐसे श्रावक ,, आगे मुनि श्री ने कहा है कि शादी के निमंत्रण में आप लोगों को बुलाते हैं तो नियम से पाप कर्म का बंध होता है लेकिन गुरु चरणों में लाने के लिए बुलाते हैं तो नियम से पुण्य कर्म का बंध होता है
जब मनुष्य का पुण्य का प्रबल होता है तो ऐसे समय में गुरु के सानिध्य में पहुंचने से मृत्यु को मुनिराज ने एक महोत्सव में बदल दिया
ऐसे गुरु भक्त को अंधेरे से प्रकाश में लाने वाले होते हैं अंतिम समय आने पर भी जीवन को धन्य बना दिया

इसलिए दूसरों को गुरु चरणों में आने के लिए प्रेरित करें
महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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