आम को हमारे यहाँ फलों का राजा कहते हैं. आम के कई प्रकार होते हैं और आम के पत्ते हमारे यहाँ कोई धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम में आम के पत्ते की वंदनवार का उपयोग किया जाता हैं. जो शुभ मानते हैं .पर आजकल आम के पत्तों का उपयोग हम मधुमेह में कर सकते हैं. आम के पत्तों में ज़ैंथोनोइड्स, मैंगिफेरिन और गैलिक एसिड सहित महत्वपूर्ण पॉलीफेनोल सामग्री भी होती है।
आम्रपुष्पमतिसार कफपित्तपरप्रमेहनूत .असृग्दरहरम शीतं रुचिकृद ग्राहि वातलम .
हमारा देश मधुमेह की राजधानी बनने को अग्रसर हैं . हर पांचवा व्यक्ति इस रोग से ग्रसित हैं जिसमे हमारी जीवनशैली, खानपान का बहुत महत्वपूर्ण स्थान हैं . इसका इलाज़ जीवनशैली और आहार में सुधार से हो सकता हैं . आजकल अलोपथी में अधिक भरोसा होने से उस पर निर्भर हो चुके हैं . आयुर्वेदानुसार भाव प्रकाश ग्रन्थ में आम के पत्ते से भी मधुमेह का इलाज़ किया जाता हैं . हमारे देश में आम के वृक्ष बहुतायत में उपलब्ध हैं , उनकी पत्तियों का उपयोग हम कर सकते हैं .
डायबिटीज के कारण खाना खाने के बाद खून में शुगर का लेवल तेजी से बढ़ता है। लेकिन आम के पत्तों का इस्तेमाल इसे हमेशा कंट्रोल में रखता है। डायबिटीज में खाने से पहले और बाद में ब्लड शुगर हाई रहने लगता है। खून में ग्लूकोज का उच्च स्तर नसों को कमजोर बना देता है और धीरे-धीरे दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचने लगता है। लेकिन आम के पत्तों का इस्तेमाल करके ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है।
डायबिटीज कैसे होती है?
हर चीज में थोड़ा या ज्यादा ग्लूकोज (शुगर) होता है, जो कि खाने के बाद खून में घुलने लगता है। शरीर में मौजूद इंसुलिन हॉर्मोन इसे कंट्रोल करके धीरे-धीरे इस्तेमाल करने लायक बनाता है। जब इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है या फिर यह बेअसर हो जाता है, तो खाद्य पदार्थों में मौजूद शर्करा खून में तेजी से घुलती है और ये स्थिति डायबिटीज कहलाती है। लेकिन, आम के पत्तों का इस्तेमाल करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
आम के पत्तों में भरा है इंसुलिन का इलाज़
आम के पत्तों में विभिन्न फाइटोकेमिकल होते हैं, जिनमें एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। इनके अंदर मैंगीफेरिल कंपाउंड भी होता है, जो शरीर में इंसुलिन का असर बढ़ाता है और शुगर को कंट्रोल में रखता है। डायबिटिक पेशेंट का ब्लड ग्लूकोज मीठी चीजें खाने के बाद एकदम ऊंचा हो जाता है, जो कि शरीर के लिए खतरनाक है। मगर यही स्टडी अध्ययन कहता है कि आम के पत्तों का इस्तेमाल खाने के बाद भी रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
इस शोध में आगे बताया गया है कि शुगर कंट्रोल करने के अलावा आम के पत्ते लिपिड प्रोफाइल को भी सुधारते हैं। जिसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का लेवल भी कंट्रोल में आ जाता है। साथ में आप मोटापे से भी बचाव कर सकते हैं। बीमारी को कंट्रोल करने के लिए आम के पत्तों का रस फायदेमंद होता है। इसे निकालने के लिए आप दो तरीके अपना सकते हैं।
पहला तरीका- 10-15 पत्तों को सिलबट्टे पर पीस लें और फिर इन्हें निचोड़कर रस निकालें और खाली पेट रस का सेवन करें।
दूसरा तरीका- आम के 10-15 पत्ते लेकर १ गिलास पानी में तबतक उबालें, जबतक पानी आधा नहीं हो जाता। फिर इसे ढककर रातभर छोड़ दें और सुबह खाली पेट इसे छानकर पी लें।
– विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद्