फागी कस्बे सहित परिक्षेत्र के सभी जिनालियों में जैन धर्म के 21 वें तीर्थंकर नमिनाथ भगवान का मनाया गर्भ कल्याणक महोत्सव भक्ति भाव से एवं सांयकाल सामूहिक रुप से समाज ने मनायी पढ़वा ढोक
धर्मावल्बियों ने किए सभी जिनालयों में श्री जी के पंचामृत अभिषेक
क्षमावाणी हमें झुकने की प्रेरणा देती है क्षमा से सारे बैर भाव मिट जाते हैं
फागी संवाददाता
फागी कस्बे सहित परिक्षेत्र के चकवाड़ा, चौरु, नारेड़ा, मंडावरी,मेहंदवास, निमेडा एवं लदाना सहित फागी कस्बे के आदिनाथ मंदिर, बीचला मंदिर, मुनिसुव्रतनाथ मंदिर ,त्रिमूर्ति जैन मंदिर , पार्श्वनाथ मंदिर,चंद्रप्रभु नसिया तथा चंद्रपुरी मंदिर सहित सभी जिनालयों मे जैन धर्म के 21 वें तीर्थंकर नमिनाथ भगवान का गर्भ कल्याणक महोत्सव जोर सोर से मनाया ,जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने अवगत कराया कि इससे पूर्व प्रातः सभी जिनालियों मेंअभिषेक , शांतिधारा बाद अष्टद्वव्यों से पूजा करने के बाद चौबीस तीर्थंकरों की पूजा अर्चना की गई, तथा जैन धर्म के 21वें तीर्थंकर नमिनाथ भगवान का गर्भ कल्याणक महोत्सव का भक्ति भाव के द्वारा सामूहिक रूप से अर्घ्य चढ़ाकर सुख समृद्धि और शांति की कामना की ,गोधा ने बताया कि जैन धर्मावलंबियों के षोडसकारण एवं मेघमाला व्रत का आज समापन हुआ, तथा सांयकाल सभी जिनालय में श्री जी के दूध ,दही, घृत,बूरा, सर्वोषधि, तथा विभिन्न फलों के रसों भव्य पंचामृत अभिषेक हुए, बाद में बोली के माध्यम से समाज जनों को माल पहनाकर श्री जी महाआरती की गई , उसके पश्चात सारे सकल दिगंबर जैन समाज के व्यक्तियों ने गत वर्ष में हुई अपनी भूलों के लिए एक दूसरे से क्षमा याचना की उसके बाद आपस में एक दूसरे को गोला, मिश्री तथा विभिन्न प्रकार के व्यंजन खिलाकर अपनी भूलों का प्रायश्चित कर क्षमा याचना की, समाज के सोहनलाल झंडा तथा कैलाश कलवाड़ा ने बताया कि सांयकाल सारे समाज ने अग्रवाल सेवा सदन में सामूहिक से अल्पाहार का आनंद लिया जिसमें करीब 700 श्रावक श्राविकाएं मोजूद थें।इसी कड़ी में समाज की मुन्ना कासलीवाल, मुन्ना अजमेरा, चित्रा गोधा, सुनिता सांघी तथा शोभा झंडा ने बताया कि दसलक्षण महापर्व के तत्काल बाद मनाया जाने वाला क्षमा वाणी महापर्व ऐसा पर्व है जिसमें हर आदमी बैर भाव को भूलकर अन्तर्मन से जाने अनजाने में हुई भूलों की क्षमा मांगता है, क्षमा से सारे बैर भाव मिट जाते हैं,क्षमा पवित्रता का प्रवाह है, वीरों का आभूषण है, क्षमा मांगने से अंहकार ढलता है, क्षमावाणी हमें झुकने की प्रेरणा देती है। अतः क्षमा पर्व पर क्षमा को अपने जीवन में उतरना ही सच्ची मानवता है।
उक्त अवसर पर समाज के वयोवृद्व कपूर चंद जैन मांदी, पूर्व सरपंच ताराचंद जैन,मोहनलाल झंडा, प्यार चंद पीपलू,कैलाश कलवाड़ा ,सोहनलाल झंडा, प्रेमचंद भंवसा,रामस्वरूप जैन मंडावरा, रामस्वरूप मोदी,चम्पालाल जैन,केलास पंसारी,अग्रवाल समाज के अध्यक्ष महावीर झंडा, सरावगी समाज के अध्यक्ष महावीर अजमेरा, फागी पंचायत समिति के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा, पूर्व प्रधान महावीर प्रसाद बावड़ी, केलास कासलीवाल,सुरेश सांघी, नेमीचंद कागला, सुरेश मांदी,पं.संतोष बजाज,केलास कडीला, सौभागमल सिंघल, भागचंद कासलीवाल, महेंद्र कासलीवाल,नवरत्नमल मंडावरा,रतन नला,हरकचंद झंडा, रमेश बजाज,हरकचंद पीपलू, शिखर मोदी, सुनील गंगवाल,सत्येन्द्र कुमार झंडा,सुरेश डेठानी,टीकम गिंदोडी, राजेंद्र कलवाडा,रमेश बावड़ी,बाबूलाल पहाड़िया, पवन गंगवाल, शांति लाल धमाणा, शांति लाल सेठी,महेंद्र बावड़ी,पारस नला, विमल कलवाडा, अनिल कठमाना,सुरेंद्र बावड़ी, सुरेंद्र पंसारी,विनोद कलवाडा, ओमप्रकाश कासलीवाल, राजेंद्र मोदी,महावीर मोदी, महावीर बजाज,पदम बजाज पवन कागला, शिखर गंगवाल,मुकेश गिंदोडी,पारस मोदी, विनोद मोदी,मितेश लदाना, मनीष गोधा,कमलेश चौधरी, कमलेश सिंघल,बन्टी पहाड़िया,त्रिलोक पीपलू तथा राजाबाबु गोधा सहित सारे श्रावक श्राविकाएं साथ साथ थे।
राजाबाबु गोधा जैन महासभा मीडिया प्रवक्ता राजस्थान