मुरैना (मनोज जैन नायक) धर्मसभा में सदैव तीर्थंकरों की वाणी का श्रवण करना चाहिए । जीव, अजीब, आर्सव, बंध, निर्जरा और मोक्ष की बातों की चर्चा करना चाहिए । सच्चे अर्थों में धर्म सभा या सत्संग वही होता है जिसमें सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक चारित्र की चर्चा की जाती है । ये सारी चर्चाएं एक दूसरे के इर्द गिर्द घूमेंगी, ये सभी घूमफिरकर जीव और पुदगल पर आ जाएगी । यदि इसे आप समझ गए, तो समझो सबकुछ समझ गए । यदि आप आर्सव को, कर्म को समझ गए तो अन्य बातें भी आपकी समझ में आने लगेंगी ।
जब भी हमें किसी सत्संग में अथवा धर्मसभा में बैठने का अवसर मिले तो इस पावन अवसर को चूकना नहीं चाहिए । धर्म सभा में मन वचन काय से शुद्धि पूर्वक बैठना चाहिए । सत्संग और धर्म सभा में बैठने मात्र से मन को शांति और निर्मलता प्राप्त होती है । भले ही धर्मसभा में आपकी समझ में कुछ नहीं आ रहा है, लेकिन जब तक आप वहां बैठे हैं, तब तक पाप कर्मों से बचे हुए हैं, आप कर्म के वंधन से बचे हुए हैं । यदि आपने कर्म बंधन से बचने का तरीका सीख लिया तो एक दिन कर्मों की निर्जरा भी करने लगोगे। धर्म सभा में सदैव धर्म की ही चर्चा में समय व्यतीत करना चाहिए, इधर उधर की फालतू चर्चा कदापि नहीं करना चाहिए । उक्त उद्गार बड़े जैन मंदिर में मुनिश्री विबोधसागरजी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए ।
विलोकसागर बालिका मंडल द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर आयोजन
बड़े जैन मंदिर में चातुर्मासरत युगल मुनिराजों के पावन सान्निध्य में विलोक सागर बालिका मंडल के तत्वावधान में 15 अगस्त को श्री पंचायती बड़ा जैन मंदिर परिसर में स्वतंत्रता दिवस बड़े उत्साह और देशभक्ति के माहौल में मनाया जाएगा।
प्रातःकाल समाज की बालिकाओं द्वारा एक भव्य परेड का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बालिकाएँ अनुशासन और देशभक्ति की अद्भुत झलक प्रस्तुत करेंगी। इसके पश्चात् मंच पर एक सुंदर एवं भावपूर्ण नाटिका की प्रस्तुति दी जाएगी, जो स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय एकता का संदेश देगी। कार्यक्रम के अंतर्गत विधिवत झंडा फहराया जाएगा तथा राष्ट्रगीत का सामूहिक गायन किया जाएगा। इस अवसर पर समस्त साधर्मी बंधु माता बहिनें, गणमान्य नागरिक एवं समाजजन उपस्थित रहेंगे।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का परिणाम 15 अगस्त को
तीर्थंकर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का परिणाम 15 अगस्त की शाम को घोषित किया जाएगा ।
संयोजक डॉ. मनोज जैन एवं विमल जैन बबलू ने बताया कि 15 अगस्त को युगल मुनिराजों के पावन सान्निध्य में तीर्थंकर आदिनाथ एवं पार्श्वनाथ स्वामी प्रतियोगिता के परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद ही उत्कृष्ट प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया जाएगा । परिणाम घोषणा के समय सभी प्रतियोगियों का उपस्थित रहना अनिवार्य है ।