वर्तमान में परिस्थितियां बहुत तेजी के साथ परिवर्तित होती जा रही हैं प्रत्येक व्यक्ति अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या में बड़ा ही व्यस्त है और उस व्यस्तता के मध्य केवल और केवल छुट्टी का दिन ही उन्हें मिल पाता है जिन्हें वे अपने घर, परिवार या यूं कहें की किसी धार्मिक – सामाजिक आयोजन मे व्यय कर सकते हैं।
इस व्यस्तता भरे माहौल में धार्मिक आयोजन भी अब रविवार का दिन ढूंढने लगे हैं। आयोजक मंडल भी सुविधा देखते हैं कि रविवार के दिन ही अधिक से अधिक लोग एकत्रित हो सकते हैं और सही भी है। अधिकत्तर इसका प्रयोग शहरी क्षेत्रो व कुछ कमत्तर कस्बों में होने लगा है।पहले कहते थे कि कुछ सावे अबूझ होते हैं उसी प्रकार अब हर कार्य के लिए अबूझ मुहूर्त रविवार है।
वर्तमान में भी अधिकतर वर्षा योग मंगल कलश स्थापना समारोह संपूर्ण भारतवर्ष में 21 जुलाई और 28 जुलाई रविवार को ही आयोजित हो रहे हैं। रविवार ने वास्तविक रूप से अपनी महत्त्वता बड़ी तेजी से इंगित की है।अपने शब्दों में व्यक्त करें तो सभी वारो में रविवार अति शुभ नजर आने लगा है। खैर जो भी है आप सबको जहाँ जहाँ मंगल वर्षायोग कलश स्थापित हो रहे हैं बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई । आपके जीवन मे मांगलिक हो और आचार्यो,मुनिराजों व आर्यिका माताओ के सानिध्य में धर्म लाभ की प्राप्ति हो। सादर जय जिनेंद्र।
संजय जैन बड़जात्या कामां