*संस्कारित युवाओ व महिलाओं के राष्ट्रीय प्रकोष्ठ का हुआ गठन*
प्राकृत भाषा चक्रवर्ती आचार्य श्री १०८ वसुनंदी महाराज ने अखिल भारतवर्षीय धर्म जागृति संस्थान के नवम राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान अहिच्छेत्र अतिशय क्षेत्र ( यू पी )में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि संगठन में शक्ति तो होती ही है साथ ही संघठित समाज तेजी के साथ विकास करती है। जिस प्रकार छोटे छोटे कण मिलकर ईंट का निर्माण करते हैं और ईंटे मिलकर भव्य इमारत का निर्माण करती हैं। इसी प्रकार धर्म जागृति संस्थान जल की एक छोटी सी बून्द के रूप में 9 सितंबर 1999 को फिरोजाबाद में उदय हुई जो बून्द बून्द से मिलकर वृहत संस्था के रूप में देव शास्त्र गुरु के प्रति समर्पित भाव से पूरे देश में सैंकड़ो शाखाओ सहित कार्य कर रही है।
*प्रस्तावना सत्र – प्रथम सत्र :-*
नवम राष्ट्रीय अधिवेशन के मुख्य संयोजक निकुंज जैन दिल्ली ने बताया कि तीन सत्रों में विभाजित अधिवेशन का शुभारंभ राष्ट्रीय चेयरमैन डॉ नीरज जैन व डॉ मोनिका जैन दिल्ली द्वारा ध्वजारोहण तथा अतिथियों द्वारा चित्र अनावरण व दीप प्रज्वलन एवं मंगलाचरण के साथ हुआ । अधिवेशन के प्रथम सत्र में संस्थान के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र जैन ने शब्दो से स्वागत किया तो वही राष्ट्रीय प्रचार मंत्री संजय जैन बड़जात्या कामां ने संस्थान के उद्देश्यों पर विस्तृत प्रकाश डाला। इस अवसर पर जैनम जयतु शासनम-विश्व कल्याण कारकम, धर्म सिखाओ धर्म बचाओ, जयकारा जिनदेव का जय जय जिनदेव के जयकारों से पांडाल गुंजायमान हो उठा। प्रथम सत्र में वक्ताओं की श्रंखला में राजकमल जैन दिल्ली, रमेश जैन गर्ग बोलखेड़ा, विजय जैन पूर्व डीएम मंडी, प्रिया जैन नोयडा, गौरव जैन उत्तमनगर, किरण जैन जयपुर, ओमप्रकाश जैन व पदम जैन बिलाला जयपुर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि गुरु आशीर्वाद से हर कार्य संभव हो जाता है तथा आज समाज को संस्कार वान युवाओ की सख्त आवश्यकता है ।
*अभिवृद्धि सत्र – मध्य सत्र :-*
मध्य सत्र में समाज व धर्म के साथ संस्थान की प्रगति पर विचार व सुझावों की शृंखला में अभिषेक जैन मेरठ, मेहुल जैन मुम्बई, सुरेंद्र जैन बालोतरा, अक्षत जैन मेरठ, अंकित जैन दिल्ली, अंकुर जैन पूना, प्रमोद जैन मेरठ, पंकज जैन लुहाड़िया जयपुर , संजय जैन बड़जात्या कामा , पदम जैन बिलाला जयपुर ने अपने सुझाव रखे तो गुरुवर के आदेश से अपने नाम के साथ जैन उपनाम लगाने, जैन हैं तो जैन लिखाने, जनसंख्या में वृद्धि करने, विधर्मी विवाहों पर रोक लगाने, जनसंख्या के कॉलम में जैन लिखाने व प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ के जन्मकल्याणक पर राष्ट्रीय सार्वजनिक अवकाश घोषित करवाने के प्रस्तावों को सर्व सम्मत सहर्ष स्वीकृति प्रदान की गई।
*स्वाध्यायी- ग्रंथों का विमोचन*
अधिवेशन के दौरान आचार्य श्री द्वारा लिखित प्राकृत भाषा ग्रंथ भाव सारो ( भाव सार), दाण सारो (दान सार) पुस्तकों का उपस्थित अथितियों द्वारा विमोचन भी किया गया साथ ही राजस्थान प्रान्त द्वारा जारी बैनर/ पोस्टर “वसुनंदी महाराज का आह्वान” का विमोचन भी किया गया। सत्यार्थी मीडिया मासिक पत्रिका के सम्पादक सचिन जैन द्वारा पत्रिका का विमोचन भी कराया गया। अधिवेशन का सफल संचालन मनोज जैन शास्त्री व संजय जैन बड़जात्या कामां द्वारा किया गया।
*नव गठन व सम्मान सत्र – समापन सत्र :-*
प्रथम सत्र में हुई चर्चा को मूर्त रूप देते हुए धर्म जागृति संस्थान के युवा व महिला प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय स्तर पर गठन का सर्व सम्मत निर्णय लिया गया ।युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हेतु गौरव जैन उत्तम नगर व मंत्री अंकुर जैन पूना तथा महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्षा रैना भूपेंद्र जैन को जिम्मेदारी की शपथ दिलाई गई ।साथ ही राजस्थान प्रांत की टीम की सराहना करते हुए पदम जैन बिलाला को अगले कार्यकाल के लिए पुन: प्रांतीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया ।
*राजस्थान लगातार तीसरे वर्ष श्रेष्ठ*
श्रेष्ठ शाखाओ , कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियो के सम्मान में वर्ष पर्यंत श्रेष्ठ कार्य करने वाले नामो की घोषणा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अनुशंषा पर आचार्य श्री द्वारा की गई ।पुरुष शाखाओ में प्रथम राजस्थान प्रांत , द्वितीय उत्तम नगर पश्चिमी दिल्ली तथा तृतीय शाहदरा दिल्ली रहे । महिला शाखाओ में प्रथम उत्तम नगर , द्वितीय शकरपुर व तृतीय फिरोजपुर खैर खोखन रहे । श्रेष्ठ शाखाओ , पदाधिकारीयों , कार्यकर्ताओं का सम्मान राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष योगेश जैन मेरठ, चेयरमैन डॉ नीरज जैन,सयोजक रमेश जैन गर्ग,संरक्षक विनोद जैन मिलेनियम फिराजोबाद,उपाध्यक्ष राजकमल जैन सरावगी,महामंत्री इंजी भूपेंद्र जैन,मंत्री संजीव जैन,कोषाध्यक्ष संजय जैन सीए, अधिवेशन संयोजक निकुंज जैन द्वारा प्रशस्ति प्रदान कर सम्मानित किया गया। आचार्य श्री के संस्थान को अपने उद्देश्य के अनुरूप धर्म प्रभावना व जैन समाज हित के कार्य करते रहने के आशीर्वाद के साथ अधिवेशन का समापन हुआ।
संजय जैन बड़जात्या कामां