धर्म क्रिया विनय का संगम ही आत्मा कल्याण का मार्ग है जैन मुनि प्रज्ञानसागर महाराज

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नैनवां जिला बूंदी रविवार 2025
शांति वीर धर्म स्थल पर वर्षा योग कर रहे जैन संत प्रज्ञान सागर महाराज ने नवरात्रा के सातवें दिन
बताया भगवान पारसनाथ स्वामी की रविवार को उनकी पुजा अर्चना करने से शांति प्राप्त होती है
इस रोज रविवार को नमक का त्याग
करने से परिवार में सुख शांति प्राप्त होती है
मुनि ने बताया मनुष्य को धर्म रूपी
क्रिया विधि पूर्वक अपनी वाणी का संगम ही अपनी आत्मा का कल्याण
होना मुनि ने बताया
धनवान लोगो से पूछा जाता है वह कहता है सुख तो है ही नहीं निर्धन भी कहता है सुख तो नहीं है लोगों की ऐसी भांति बनी हुई है सुख धन में नहीं है सच्चा सुख धर्म से ही प्राप्त होता है
बहुत बड़े बड़े लोग जिनके पास करोड़ों की सम्पदा तो है परंतु आत्मा की शांति बहुत दुर चली गई
मुनि ने बताया रावण थोड़ी सी लापरवाही से नरकों की गति में पहुंच गया
खराब कर्मों के कारण मनुष्य संसार में दुख उठा रहा है
जैन संत प्रसिद्ध सागर महाराज ने बताया कि मनुष्य संसार में बुरे से बुरे
काम करता है बदले में सुख की चाहत रखता है ऐसा कभी संभव नहीं होगा बुरे कामों कि त्याग कर
जीवन में अच्छे कार्य करने पर ही धर्म का लाभ प्राप्त होगा
महावीर कुमार सरावगी
चातुर्मास प्रचार मंत्री नैनवा

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