धर्म कार्य में अपने नाम के लिए दान देना प्रभावना नहीं है जैन मुनि प्रज्ञानसागर महाराज

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धर्म कार्य में अपने नाम के लिए दान देना प्रभावना नहीं है
जैन मुनि प्रज्ञानसागर महाराज
नैनवा जिला बूंदी 25 सितंबर 2025
गुरुवार शांति वीर धर्म स्थल पर दीप प्रज्वलित कर जैन मुनि के पाद पक्षालन कर प्रज्ञानसागर महाराज ने नवरात्रा के चौथे दिन धर्म सभा में बताया कि जिनके गुरु का ग्रह खराब है इस ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति की बुद्धि खराब हो जाती है अच्छा काम करने पर भी परिणाम बहुत खराब निकलते हैं दिमाग काम नहीं करता छोटी-छोटी बातों में परिवार के बीच पुत्र पति पत्नी के बीच मनमुटाव लड़ाई झगड़ा ग्रह नक्षत्र कराते हैं
मुनि ने बताया कि ज्योतिषियों के पास ग्रह के चक्करों में कभी नहीं भटकना चाहिए यह पंचम काल है दुख तो प्रत्येक मनुष्य के जीवन में आता है उसे दुख में से सुख निकालना जीवन जीने कला है आज के मनुष्य में ज्ञान तो कम है उत्पाद अभियान घमंड बहुत ज्यादा भरा हुआ है यही मनुष्य का दुख का कारण है
आज मनुष्य धर्म के कामों में अपने नाम के लिए धन खर्च करता है बड़े-बड़े होल्डरों पर बड़े-बड़े फोटो परिवार जनों के नाम लिखा कर अपनी प्रशंसा करना चाहता है
धर्म मैं दिखावा करना एक आडंबर है दान जब भी करो एक हाथ से देने पर दूसरे हाथ को मालूम नहीं हो वही सच्चा दान देना मुनि ने बताया
भगवान की पूजा अर्चना में जो नाम तुमने कमाया है वह नाम तो लोगों के दिल और दिमाग में ऐसे ही बस जाएगा लिखा हुआ नाम तो एक दिन मिट जाएगा लेकिन लोगों को दिलों में जो तुमने नाम बनाया है और कभी मिटने वाला नहीं है
धर्म सभा में दीप प्रज्वलित एवं उनके पाद पक्षालन करने का सौभाग्य श्रीमती गुणमाला सरावगी
महावीर कुमार अविनाश नितिन प्रियंक अर्हम जैन वेद परिवार को सौभाग्य प्राप्त हुआ

गांव की शोभा जिनालय से होती है जैन मुनि प्रसिद्ध सागर महाराज ने धर्म सभा को बताया की नैनवा नगर बहुत सुंदर है यहां के पूर्वजों बहुत धर्मात्मा होंगे जिन्होंने 10 जैन मंदिरों का निर्माण कराया है इस इस कारण ही इसका नाम धर्म नगरी नाम दिया गया है
माता अपने पुत्र के प्र ति सदैव ही स्नेह वात्सल्य रखती है चाहे पुत्र मां के प्रति वात्सल्य मन में नहीं रखें फिर भी माता तो सदैव पुत्र को अच्छा आशीष देती है इसीलिए संसार में माता को पूज्य माना गया है
पत्रिका का हुआ विमोचन
जैन सम्मान समारोह माता-पिता का होगा 2 अक्टूबर शांति वीर धर्म स्थल पर 65 वर्षीय उम्र के मुनि श्री क सानिध्य में
वर्षा योग समिति के सभी पदाधिकारी द्वारा

शांति वीर धर्म स्थल पर रात्रि को 8:30 पर सोमासती की नाटिका प्रस्तुति दी गई
जिसमें बताया गया की एक बहू बहुत धर्मात्मा थी सास ने सोने का हार पहनने को कहा उसे मारने के लिए नाग मंगाया गया नाग का हार धर्म प्रभावना सोने का हार बन गया से
महावीर कुमार सरावगी
वर्षा योग समिति प्रचार मंत्री

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