धर्म के कार्य में अपने नाम के अभिलाष नहीं होना चाहिए

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जैन मुनि प्रज्ञानसागर महाराज
अतिशय क्षेत्र आवा जिला टोंक 22 नवंबर शनिवार2025
महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान
धर्मनगरी नाम से विख्यात शांतिनाथ दिगंबर जैन जिनालय में एक साथ चार संतों का आगमन बहुत ही पुण्य का उदय से यहां के लोगों को दिव्य देशना सुनने का पहली बार पुण्य उदय हुआ है
बूंदी से वर्षा योग करते हुए वैराग्य सागर महाराज ने बताया धर्म से बड़ी कोई नौका नहीं है इस संसार से पार करा सके सुप्रभ सागर महाराज ने कहा कि मनुष्य स्वार्थ के वशीभूत ही परिवार से जुड़ा हुआ है जिस दिन स्वार्थ पूर्ण हो जाएगा परिवारजन उसे छोड़ देते हैं

नैनवा से वर्षा योग करते हुए आचार्य विनिश्चय सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य प्रज्ञान सागर प्रसिद्ध सागर महाराज का पावन सानिध्य आवा नगरी को प्राप्त हो रहा है
जैन संत प्रज्ञानसागर महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए बताया की धर्म के अच्छे कार्य करो अपने कार्य को देखकर दूसरा व्यक्ति भी प्रोत्साहित होता है अपने नाम के लिए कभी धर्म कार्य न करो
मनुष्य जब-जब भी धर्म के नए कार्य करता है उसे बहुत ही उत्तम फल की प्राप्ति होती है हमारे ग्रह कुंडली खराब होने पर अच्छे कार्य करने पर भी परिणाम खराब निकलते हैं मन में मान कसाई उत्पन्न होने पर धर्म के कार्य में लड़ाई झगड़ा उत्पन्न करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है इसे अपने ही कर्मों का बंध होना मुनि ने बताया
महाराज ने यह भी बताया की कभी भी ज्योतिष के पास भड़कने की आवश्यकता नहीं है णमोकार महामंत्र के जाप करने से संसार की सारी बाधाए दूर होती है आज पंचम काल में हमें दुख तो जरूर आएगा परंतु उसे निकलने का सुख
ढूंढ कर निकालना ही एक धर्म है
जैन मंदिर के अध्यक्ष नेमीचंद जैन मंत्री पवन जैन युवा मंडल के अध्यक्ष चांदमल जैन कमलेश जैन अमर सोडा कोषाध्यक्ष दिनेश जैन राकेश सुरेंद्र गोयल हेमंत गोयल आदि ने बताया
महाराज जी के मंगल प्रवेश से हमारी आवा नगरी में एक धर्म नगरी जैसा माहौल बन गया पूरे नगर में आसपास के गांव को भी प्रवचन का भक्तों को लाभ प्राप्त हो रहा है
मोह संसार की सबसे बड़ी बाधा है
जैन मुनि प्रसिद्ध सागर महाराज
आवा के शांति नाथ दिगंबर जैन मंदिर में प्रसिद्ध सागर महाराज ने धर्म सभा को बताया कि आज का मनुष्य अपने अस्तित्व के कारण ही संस्कारों को भूल गया है आज का मनुष्य साधु तो बनना चाहता है परंतु उसे परिवार के माता-पिता पत्नी भाई भाभी आदि का मोह संसार से निकलने नहीं देता अनादि काल से मनुष्य संसार में भटक रहा है 24 घंटे संसार की क्रियाएं में उलझा हुआ है अपनी आत्मा के लिए एक घंटा निकाले वही जीवन में कल्याण का मार्ग होना मुनि ने बताया
धर्म सभा में आसपास के गांव के लोग भी अपने-अपने साधनों से जिनालय पहुंचकर धर्म लाभ प्राप्त कर रहे हैं

महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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