जैन विश्व संगठन के द्वारा देश की राजधानी दिल्ली में धर्म बचाओ तीर्थ बचाओ विराट जन आंदोलन का आयोजन दिनांक 17 दिसंबर 2023 को विराट स्तर पर किया जा रहा है इसमें तीन राज्यों के 23 जैन विधायक जरूर बुलाना चाहिए उनका भाव भीना अभिनंदन किया जाना चाहिए। उन्हें इस आयोजन का विशिष्ट अतिथि बनाया जाना चाहिए । लोकसभा में जितनी भी सीट है। उनमें कितनी सीट जैन समाज को मिली जरा विचार कीजिए। जब तक राजनीति में जैन समाज की पकड़ मजबूत नही होगी तब तक हम जैन तीर्थों की रक्षा सुरक्षा नही कर पाएंगे। इससे बहुत अच्छा संदेश संपूर्ण भारतवर्ष में जाएगा। समस्त भारतवर्ष की जैन समाज एकता के सूत्र में बंधकर हमारे सभी प्राचीन तीर्थ क्षेत्र अतिशय क्षेत्र सिद्ध क्षेत्र की प्राचीनता ऐतिहासिकता प्रमाणिकता पुरातत्वता बचाने के लिए जरूर इस आयोजन में पंत सभी वाद संत वाद ग्रंथ वाद के मतभेद भुलाकर सभी जैन समाज के घटक भाग लेवे। हम नहीं दिगंबर श्वेतांबर तेरह पंथी भारतवासी हम जैनी अपना जैन धर्म इतना ही परिचय केवल हो। बस यही विचारधारा सबकी हो। धीरे धीरे समस्त तीर्थ स्थलों पर कब्जा बढ़ता जा रहा है इनकी रक्षा और सुरक्षा करना हमारा पहला कर्तव्य है। मैं राष्ट्रीय मिडिया प्रभारी पारस जैन पार्श्वमणि यही आत्मीय करबद्ध निवेदन करता हूं कि संपूर्ण भारतवर्ष में जितने भी तीर्थ क्षेत्र अतिशय क्षेत्र सिद्ध क्षेत्र हैं उनकी प्राचीनता ऐतिहासिकता प्रमाणिकता पुरातत्वता की सुरक्षा के लिए उन तीर्थों के चारों ओर बाउंड्री वॉल करवा दी जाए। तीर्थ बचाओ धर्म बचाओ तीर्थ पर बाउंड्री वाल करवाओ ये समय मांग है अभी नहीं तो कभी नहीं। गिरनार जी तीर्थ राज की स्थिति भी बहुत खराब है। उधर इंदौर गोमट्टगिरी तीर्थ पर भी गुर्जर समाज को हमारे पर्वत से रास्ता देना पड़ा। तीर्थ राज सम्मेद शिखर जी पर रोपवे बनाने की भी कोशिश जारी है। जितने भी तीर्थ है उन स्थलों को पर्यटन स्थल बनाने की की कोशिश की जा रही है ये बहुत गलत है। तीर्थ स्थलों को पर्यटन स्थल नही बनाना चाहिए। उसकी आवश्कता नहीं है। तीर्थ स्थली की भूमि अनेकानेक भव्य जीवो के तप त्याग और साधना की पवित्र जगह है वहा का कण कण पूजनीय वंदनीय है। आमोद प्रमोद और मनोरंजन का स्थान नहीं है। सभी जैन एकता के सूत्र में बंधकर इस आयोजन में बढ़चढ़ कर भाग लेवे। यही मेरी भावना है।
प्रस्तुति
राष्ट्रीय मिडिया प्रभारी
पारस जैन पार्श्वमणि कोटा 9414764980
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