डेंगू-गंभीर रोग — विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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डेंगू से बचने के घरेलू उपाय-अभी- अभी कोरोनावायरस से कुछ राहत मिली है और उसके बाद भारत में डेंगू के रॉकी की संख्या में वृद्धि हुई है । डेंगू का प्रकोप बढ़ने से हर व्यक्ति खुद की और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए उपायों में जुटा हुआ है । डेंगू एक ऐसा बुखार है इसमें अगर समय पर ध्यान नहीं दिया तो यह जानलेवा भी हो सकता है । डेंगू को आयुर्वेद में दण्डक ज्वर के नाम से जाना जाता है ।
इसे हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है । मच्छरों से फैलने वाला है यह रोग एडीज मच्छर की वजह से संचरीत होता है ।
मच्छरों से फैलने वाला यह रोग कभी-कभी अपना घातक रूप ले लेता है । इस रूप में विशेष रुप से प्लेटलेट काउंट कम हो जाते हैं इसकी वजह से रोगी गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है ।
डेंगू बुखार के लक्षण सामान्य फ्लू और वायरल जैसे मिलते जुलते होते हैं ।
डेंगू बुखार के लक्षण क्या है
बुखार तेज आना,जोड़ों में दर्द ,सिर दर्द ,हाथों पैरों की मांसपेशियों में दर्द ,शरीर की त्वचा पर लाल रंग के दाने आना और सामान्य हो जाना,आंखों के अंदरूनी भागों में दर्द होना,चक्कर एवं उल्टी आना
अगर आपको भी इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत नजदीकी चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए ।
डेंगू से बचने के घरेलू उपाय
स्वच्छता का ध्यान रखें
अपने आसपास के वातावरण को शुद्ध रखने की कोशिश करें । नालियों में जमा हुआ पानी का निकास करें ।
रुके हुए पानी का निकास करें
बारिश के मौसम के बाद आसपास के गड्ढों में पानी भर जाता है जो मच्छर पैदा होने की संभावना को बढ़ाता है । आसपास के गड्ढों में भराव करें। उस में मिट्टी का तेल बहुत कम मात्रा में डालें जिससे मच्छरों का लारवा नष्ट हो जाए ।
पुराने टायरों मैं भरा हुआ पानी ना रहने दे । घर में कूलर इत्यादि का उपयोग ना लेने पर उसमें भरा हुआ पानी निकाल दे ।
मच्छरदानी का प्रयोग करें।
घर की खिड़कियों में वायर गेज लगवाए
लंबी बाहों के कपड़े प्रयोग करें।
मच्छरों से बचने वाली क्रीम का प्रयोग करें ।
डेंगू बुखार हो जाए तो क्या करें
आपको डेंगू बुखार का संक्रमण हो गया है तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें ।
नारियल पानी ओ आर एस का प्रयोग करें जिससे शरीर में होने वाली पानी की कमी को दूर किया जा सके ।
पपीते के पत्तों का रस अथवा उनको उबालकर बनाया हुआ काढ़ा प्रयोग करें ।
गिलोय की बेल के एक 1 इंच के चार पांच टुकड़े का काढ़ा बनाकर पीने से बुखार में लाभ होता है और इम्युनिटी बढ़ती है ।
तुलसी के पत्तों की चाय बनाकर पिए।
गेहूं के जवारे का रस का प्रयोग करें ।
आयुर्वेद की कुछ दवाइयां जो आप चिकित्सक की सलाह पर प्रयोग कर सकते हैं।
अमृतारिष्ट
पपीता कैप्सूल
गिलोय घनवटी
औषधियों में हिंगुलेश्वर रस, सौभाग्यवटी, संजीवनी वटी, त्रिभुवन कीर्ति रस, गोदन्ती भस्म, स्वर्णबसन्त मालती रस, निद्रोदय एवं पंचसकार चूर्ण का प्रयोग किसी कुशल आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर लिया जा सकता है।
क्या खायें, क्या न खायें
डेंगू फीवर की अवस्था में अत्यधिक आराम, उपवास, गाय का दूध, बकरी का दूध, सेव, पपीता, अनानास, लौकी, तोरी, परवल आदि का सेवन लाभप्रद होता है।
बासी खाना, दही, गुड़, तेल, खटाई, मिर्च आदि लेना हानिकारक होता है।
रोग की अवस्था में स्नान न कराकर गर्म पानी के गीले तौलिये से शरीर पोंछना चाहिये
ज्वर ज्यादा होने पर तापमान कम करने के लिये बर्फ के पानी की पट्टी अथवा आइस कैप माथे पर रख सकते हैं और तापमान 101फा. आ जाने पर शीतोपचार बन्द कर देना चाहिये। बार बार प्यास लगने पर मोथा, पित्तपापड़ा, खस, लालचन्दन, सुगंधबाला और सौंठ की पांच पांच ग्राम की मात्रा लेकर पांच लीटर पानी में पकाते हैं और आधा शेष रहने पर छानकर गुनगुना करके अथवा ठंडा करके पिलाते हैं।
काली मिर्च, नारियल पानी, मेथी के पत्ते, हल्दी, गिलोय भी असरदार दवा के रूप में काम करता है। गिलोय का आयुर्वेद में बहुत महत्व है. यह मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने के साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने और बॉडी को इंफेक्शन से बचाने में मदद करती है।
तुलसी के पत्तों को गरम पानी में उबालकर छानकर, रोगी को पीने को देते हैं। पपीते की पत्तियां, डेंगू के बुखार के लिए सबसे असरकारी दवा मानी जाती हैं जिससे प्लेटलेट्स की मात्रा तेजी से बढ़ती है।
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३

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