नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा में 17 सितंबर को क्षमावाणी महापर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर परम विदुषी आर्यिकारत्न पूर्णमति माताजी ने कहा कि क्षमा दिलों को जोडकर मुक्ति के द्वार खोलती है। यह कायरों का नही वीरों का आभूषण है, महान आत्मा ही दूसरों को क्षमा कर सकती है। सभी धर्मों, ग्रंथों में क्षमा का महत्व बताया गया है, यह तो सार्वमौलिक, शाश्वत और सार्वजनिक पर्व है। आध्यात्मिकता के कारण ही हमारे देश को विश्व गुरू का दर्जा मिला है। तिरंगा हमारी आन, बान और शान है।
आचार्य विद्यासागरजी की विकसित भारत के लिए अदभुत देन हैं, जिसे पीएम मोदी जी ने भी सराहा है। इंडिया गेट का नाम भी भारत द्वार होना चाहिए।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए विधानसभाध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने श्रीफल व शास्त्र भेंट कर विनयांजलि अर्पित की और कहा कि विश्व की सभी समस्याओं, विकारों का समाधान क्षमा है। इसे राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाना चाहिए। पूज्य माता जी के गरिमापूर्ण प्रवचन से भाव विभोर उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि माता जी ज्ञान की सागर हैं, उनके आत्म चिंतन, आत्म शुद्धि और आत्म तालमेल ने विधानसभा को गौरवान्वित कर नया इतिहास रचा है।
पालीताना एकमात्र शाकाहारी क्षेत्र है उसी प्रकार विजेंद्र गुप्ता जी को भी कोई ऐसा कार्य जरूर करना चाहिए।
विधान सभा की ओर से विजेंद्र गुप्ता और बिष्ट ने माता जी को अध्यात्म शिरोमणि की उपाधि से अलंकृत किया। माताजी का पूरा संघ भी विराजमान रहा। संयम जैन ने संचालन किया। समारोह में एमएलए अनिल गोयल, संजय गोयल, विधानसभा के अधिकारीगण रणजीतजी, मुकेश शर्मा, गोल्डी भारद्वाज, कईं आईएस, आईपीएस अधिकारी, योगेश जैन, अनिल जैन, जेके जैन, स्वदेश जैन, रमेश जैन नवभारत टाइम्स, पवन जैन गोधा, अंकुश जैन, सुनील जैन, सुधीर जैन, शैलेंद्र जैन सहित देश भर के अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए जिनका स्वागत किया गया। दीप प्रज्वलन के बाद भगवान महावीर, आचार्य श्री विद्यासागरजी व समयसागरजी के चित्रों का अनावरण किया गया। रितु दीदी ने मंगलाचरण किया। रुपेश जैन ने भजन प्रस्तुत किए। समारोह में पीएम मोदीजी के जन्मदिवस पर करतल ध्वनि से बधाई दी गई। इस मौके पर आचार्य श्री विद्यासागरजी के जीवन चरित्र पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। विधान सभा की ओर से ही सभी को वात्सल्य भोज कराया गया।
प्रस्तुतिः रमेश जैन एडवोकेट नवभारत टाइम्स नई दिल्ली
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