कम हैं कमजोर नही, तीर्थ राज सम्मेद शिखर को शिमला नैनीताल नही बनने देंगे
देर रात तक चले कवि सम्मेलन में हास्य व आध्यात्म में डूबे श्रोता
जल महलों की नगरी डीग में सकल दिगंबर जैन समाज डीग के तत्वावधान में जैनाचार्य वसुनंदी महाराज ससंघ सानिध्य में चल रहे पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत निर्मित अयोध्या नगरी में शुक्रवार रात को विराट आध्यात्मिक कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ तो देर रात्रि तक चले कवि सम्मेलन में हास्य और आध्यात्म में श्रोता डूबते चले गए।
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के अध्यक्ष गोपाल प्रसाद जैन के अनुसार काव्य धारा का शुभारंभ गुरु वन्दन के साथ हुआ तो पंचकल्याणक समिति,जैन समाज डीग व युवा मंडल के पदाधिकारियों ने कवियों का भावभीना अभिनंदन किया। प्रथम आहुति सुनहरी लाल तुरन्त दिल्ली द्वारा दी गयी तो समा बंधता चला गया। उन्होंने गुरु वन्दन करते हुए हास्य का पुट प्रस्तुत करते हुए कहा कि मायूस चेहरों पर हसीं लाना ही उद्देश्य है।निम्न वर्ग की वस्तु स्थिति पर व्यंग्य करते हुए कहा कि छत्त टपके तो फव्वारों का मजा लेते हैं बेर खाकर छुआरों का मजा लेते हैं।कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए संजय जैन बड़जात्या कामां ने कहा कि गुरु चरणों मे बैठो यही संसार से तिराते हैं।
क्रम में परिवर्तन करते हुए आदित्य जैन कोटा ने सभी को आकर्षित करते हुए कहा कि पाप और पुण्य के बंधन से ऊपर उठ चुके हैं इसलिए जैन सन्तों की नग्नता पूजनीय है। गिरनार पर आह्वान करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि सरकार चलाई हमने फिर भी गिरनार गवांया। माहौल को परिवर्तित करते हुए शंभु शिखर पटना ने कहा कि णमोकार महामंत्र से बड़ा कोई मंत्र नही है। उपस्थित जन समूह को अपने हास्य में लपेटते हुए सभी को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया। “हंसो हंसाओ खुशी मनाओ जब भी मिले मौका गुरुदेव की शरण मे जाओ” रचना बहुत सराही गयी।
कवि सम्मेलन के सूत्रधार अंतरराष्ट्रीय कवि कमलेश बसन्त ने सभी का आह्वान करते हुए गर्जना की “कम हैं कमजोर नही, तीर्थ राज सम्मेद शिखर को शिमला नैनीताल नही बनने देंगे” उन्होंने सरकार से कहा कि पवित्र तीर्थो को पवित्र ही रहने दो इन्हें सैर सपाटे का केंद्र न बनाये।
सूरत से पधारी सोनल जैन ने अपने गीतों से माहौल हो बदल दिया “मैं बेटी जैन कुल की हूँ यही अभिमान है मेरा” सुनाई तो तालियों की गड़गड़ाहट होने लगी। उन्होंने कहा कि “भक्तों ने सजवा दिया डीग का हर द्वार,गुरु शरण मे हो रहा घर घर मंगलाचार।अंतिम कवि विनीत चौहान ने रात्रि के अर्द्ध पहर में श्रोताओं में वीर रस उतपन्न करते हुए कहा कि डीग की धरा रणबांकुरों की धरा है उन्होंने कहा कि लो हमने दुम सीधी कर दी इन आतंकी आकाओं की।
आदिनाथ जन्मकल्याणक पर अवकाश की फिर गूंजी मांग कवि सम्मेलन में एक बार फिर आदिनाथ जन्मकल्याणक पर सार्वजनिक अवकाश की मांग गूंजी तो उपस्थित जैन समुदाय ने हाथ उठाकर समर्थन किया।आचार्य वसुनंदी महाराज के निर्देशन में धर्म जागृति संस्थान द्वारा यह मांग अनवरत उठाई जा रही है। कवि सम्मेलन में मयंक जैन व मोनिका जैन ने भी काव्य पाठ किया तो वहीं आभार महामंत्री वीरेंद्र जैन के द्वारा किया गया। कवि सम्मेलन में फिरोजपुर झिरका कुम्हेर,कामां, भरतपुर कठूमर खेड़ली जुरहरा,गोवर्धन, जनुथर व आसपास की जैन समाजों के बड़ी संख्या में प्रतिनिधि व स्थानीय नागरिक व समाजजन उपस्थित रहे।
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