नैनवा 10 अक्टूबर रविवार प्रातः 7:30 पर शांति वीर स्थल पर कल्प ध्रुव मंडल विधान में तीसरे रोज मुनि श्री के सानिध्य में आदिनाथ भगवान का पंचामृत अभिषेक नित्य नियम पूजन शांति धारा का सौभाग्य
ललित कुमार महावीर अमन जैन बाछोला वालों ने यह सौभाग्य प्राप्त किया था
प्रतिष्ठाचार्य कुमुद जैन सोनी अजमेर वालों ने बताया कि आज भगवान की 6 पूजन तप भूमि पूजन उपवन भूमि ध्वज भूमि *कल्प भूमि भवन भूमि कल्प ध्रुव मंडल विधान पूजन
इनकी पूजन के पश्चात 360 श्री फल भगवान के चरणों में चढ़ाएं
किए गए कर्मों का फल जीव को भोग नहीं पड़ता है
जैन मुनि श्रुतेशसागर जी महाराज ने
धर्म सभा को बताया की कल्प ध्रुव मंडल विधान में अनेक देवी देवताओं का सानिध्य रहता है यह बहुत ही बड़ा विधान है इसमें बैठने वाले भक्तों को अपार शांति प्राप्त होती है
पहले गुरुओं में आदि सागर महाराज महावीर कीर्ति विमल सागर महाराज को अवधि ज्ञान के धारी थे वह चेहरा पढ़कर भक्त के भाव बता देते थे
जैन धर्म कर्म सिद्धांत पर चलता है पानी का पानी दूध का दूध
कर्म करने का फल मनुष्य को इस प्रकार मिलता है
मनुष्य कितने पाप क्रियाएं छुपाकर कर लेता है लेकिन उसे ईश्वर तो देख ही रहा है जब पाप का उदय आता है तो जीव बुरी तरह रो-रो कर पश्चाताप करता है और रो-रोकर कर्मफल भोगना पड़ता है
मुनि ने यह भी बताया की दही जमाने पर दही से पानी अलग हो जाता है गाय के स्थनो में जोक चिपकी रहती है वह खून चुस्ती है दूध नहीं
यह जीव अज्ञानता के कारण ही ऐसा करता है
सेठ की चार बहू की नाटिका धार्मिक संस्कारों का फल ।रात्रि को दिखाएं
नाटिका , एक सेठ के परिवार पर बहुत ही धार्मिक संस्कारों की छोटी बहू ने परिवार टूटने से बचा लिया
छोटी वाली बहु बहुत ही धार्मिक संस्कारों की थी इसलिए पूरा परिवार बच गया
महावीर कुमार जैन सरावगी
दिगंबर जैन समाज प्रवक्ता
Unit of Shri Bharatvarshiya Digamber Jain Mahasabha