चौसठ ऋद्धि महामंडल विधान का आयोजन कर्मों के आने को आर्सव कहते हैं: आचार्य श्री प्रमुख सागर

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गुवाहाटी : स्थानीय फैंसी बाजार स्थित भगवान महावीर धर्मस्थल मे आज रविवार को आचार्य श्री प्रमुख सागर महाराज की 50वी स्वर्ण जयंती के उपलक्ष में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ समाज की महिला सदस्यों द्वारा मंगलाचरण से हुआ। तत्पश्चात उपस्थित अतिथियों ने आचार्य श्री पुष्पदंत सागर महाराज के चित्र का अनावरण कर दीप प्रज्वलन किया। तत्पश्चात पुण्याजक परिवार द्वारा आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से पधारे गुरु भक्तों का समाज की ओर से अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर आचार्य श्री ने उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा की कर्मो के आने को आर्सव कहते हैं, हमारी जैसी क्रिया होगी वैसा कर्म आएगा। शुभ क्रिया से पुण्य और अशुभ र्किया से पाप का आर्सव होता है। जैसे धर्म, कार्य, सोच आदि शुभ क्रियाएं से पुण्य का आर्सव होता है। और अधर्म , बुरे कार्य, गंदी सोच आदि अशुभ क्रियाएं से पाप का आर्सव होता है। आचार्य श्री ने कहा कि जो छोड़ता गया वह उठता गया और जो जोड़ता गया वह नीचे बैठता गया । *संसार में कौन आपके लिए क्या सोचता है, क्या बोलता है, क्या कहता है, क्या करता है, इस पर ध्यान ना देते हुए आपको क्या करना है, इस पर ध्यान दोगे तो परमात्मा से मिल पाओगे। *इससे पूर्व आज प्रातः श्री जी की शांतिधारा करने का परम सौभाग्य ताराचंद- कुसुम देवी छाबड़ा परिवार को प्राप्त हुआ।तत्पश्चात आचार्य श्री (ससंघ )के सान्निध्य मे पूजा ग्रुप (6.30 am) द्वारा चौसठ ऋदि महामंडल विधान का आयोजन किया गया *। इस अवसर पर *राम चंद्र सेठी के संयोजन में सायंकालीन आरती के पश्चात स्थानीय *पान बाजार की महिला सदस्यों द्वारा “मां की ममता” नामक “नाट्य” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में काफी संख्या में समाज के सदस्य उपस्थित थे।यह जानकारी समाज के प्रचार प्रसार विभाग के मुख्य संयोजक ओम प्रकाश सेठी सह संयोजक सुनील कुमार सेठी द्वारा दी गई है।

सुनील कुमार सेठी
गुवाहाटी

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