छुल्लक विशाल सागर दिगंबर दीक्षा के 15 मिनट बाद ही उत्कृष्ट समाधि मरण हुआ

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छुल्लक विशाल सागर दिगंबर दीक्षा के 15 मिनट बाद ही उत्कृष्ट समाधि मरण हुआ
शांति समागम राष्ट्रीय जैन पत्रकार गोष्टी दूसरे दौर में
27 जुलाई रविवार दोपहर 3:30 दिगंबर जैन रसिया टोंक में पंचम पत्ताधीश आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज के परम सानिध्य में

महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

टोंक की धरा पर उपस्थित जैन समुदाय कह उठा जय हो वर्धमान सागर महाराज
टोंक की पावन धरा पर विराजमान वात्सल्य वारिधि परम पूज्य आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज जिनकी दूर दृष्टि आज टोंक की भूमि पर सभी ने अपने आंखों से देखी व कानों से सुनी।
पंचम काल मे भी ऐसे अद्भुत और विरले संत विराजमान है जो आने वाले भविष्य को पहले ही जान लेते हैं। आज दिगंबर जैन रसिया हमीरगंज में सभी ने एक स्वर से कहा की जय हो आचार्य श्री वर्धमान सागर महाराज जो जीवंत चमत्कार के पुंज हैं वाक्य था क्षुल्लक श्री विशाल सागर जी महाराज को मुनि दीक्षा देने का।
जैन पत्रकारों की गोष्ठी शांति समागम के नाम से चल रही थी कि तभी आचार्य भगवान ने जान लिया कि एक संत निर्वाण को प्राप्त होने वाले हैं और आनन फानन में उन्होंने मुनि दीक्षा प्रदान कर मुनि विशाल सागर महाराज नामकरण किया।
चमत्कार तब हुआ जब दीक्षा बड़ी समता भाव के साथ संपन्न हुई उपस्थित जन समुदाय ने अपनी आंखों से केश लोंच करते हुए नवदीक्षार्थी महाराज को देखा और कोई भी यह नहीं कह सकता था कि आने वाले क्षण में ही उनकी समाधि हो जाएगी। दीक्षा के मात्र 15 मिनट पश्चात ही मुनि विशाल सागर महाराज समतापूर्वक समाधि मरण को प्राप्त हुए।
धन्य है ऐसे चमत्कारी दिव्य संत जो आज इस कलयुग में ही विराजमान है। नमोस्तु गुरुवर।
संपूर्ण दिगंबर समाज ऐसा दृश्य देखकर आज के पंचम काल के साक्षात भगवान आचार्य वर्धमान सागर महाराज को मानने लगे
जूही समाधि मरण की खबर टोंक समाज में पहुंची लोगों महिलाओं का सैलाब उमड़ा
गाजे-बाजे के साथ डोल यात्रा की तैयारी हुई
महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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