आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी संसघ विहार के दौरान 2000 साल पुरानी भगवान पार्श्वनाथ कि प्राचीन प्रतिमा के दर्शन करते आचार्य भगवन विशुद्धसागर जी महाराज ससंघ और आचार्य विशुद्धसागर जी के दर्शन हेतू पधारे श्रवणबेलगोल के स्वस्तिश्री चारुकीर्ती भट्टारकजी
जयदु जिणिंदो महावीरों | चर्या शिरोमणी आचार्य श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज संसघ ने दावणगिरी (कर्नाटक ) में विराजमान 2000 साल पुरानी भगवान पार्श्वनाथ कि अतिप्राचीन प्रतिमा के संसघ दर्शन किये | चर्या शिरोमणी आचार्य श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज संसघ का मंगल विहार विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक तीर्थ क्षेत्र गोम्मटेश बाहुबली श्रवणबेलगोळ कर्नाटक के लिए चल रहा है | धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने कहा कि आचार्य श्री संसघ संभवता
25 नवम्बर को आचार्य श्री विशुद्धसागर जी ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश दक्षिण भारत के सुप्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र गोम्मटेश बाहुबली श्रमणबेलगोला जी कर्नाटक मे होगा |
चर्याशिरोमणी आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज सहित उनके 19 शिष्य –
1.श्रमण मुनि श्री सुव्रतसागर जी
विशेषता – हिंदी टिकाकार
उपाधी- साहित्याचार्य
2. श्रमण मुनि श्री साम्य सागर जी
विशेषता- संस्कृत अध्ययन – अध्यापन में रुची
उपाधी- संस्कृत – प्रवीण
3. श्रमण मुनि श्री संजयंत सागर जी
विशेषता – योग विद्या प्रवीण
उपाधी- आत्म – बिहारी
4. श्रमण मुनि श्री यशोधर सागर जी
विशेषता – वैयावृत्ती निपुण
उपाधी- गुरू चरणानुरागी
5. श्रमण मुनि श्री यत्न सागर जी
विशेषता – सुरु – साधक
उपाधी- यत्नशील
6. श्रमण मुनि श्री निर्ग्रन्थ सागर जी
विशेषता – सरल हृदय
उपाधी- आदर्श -शिष्य
7. श्रमण मुनि श्री निर्मोह सागर जी
विशेषता – प्रण – प्रिय साधक
उपाधी- श्रुत – निष्ठ
8. श्रमण मुनि श्री निसंग सागर जी
विशेषता – प्रज्ञावान,हसमुख
उपाधी- आत्मनुशासक
9. श्रमण मुनि श्री निर्विकल्प सागर जी
विशेषता – साधना – अनुरक्त
उपाधी- निर्लिप्त – साधक
10. श्रमण मुनि श्री जितेंद्र सागर जी
विशेषता – दृढता, विनम्रता
उपाधी- आत्म- चिंतक
11. श्रमण मुनि श्री सुभग सागर जी
विशेषता – विधी विधान निपुण
उपाधी- प्रतिष्ठा -प्रज्ञ
12. श्रमण मुनि श्री सिद्ध सागर जी
विशेषता – अध्ययनशील
उपाधी- स्वाध्याय – प्रिय
13. श्रमण मुनि श्री सिद्धार्थ सागर जी
विशेषता – ब्राम्ही लिपी अनुवादक
उपाधी- गुरुभक्त
14. श्रमण मुनि श्री सहर्ष सागर जी
विशेषता – दयालू करुणावंत
उपाधी- प्रसन्नधिया
15. श्रमण मुनि श्री सत्यार्थ सागर जी
विशेषता – वैयवृत्ती में तत्पर
उपाधी- गुरू चरणानुगामी
16. श्रमण मुनि श्री सार्थक सागर जी
विशेषता – तप त्याग अनुरक्त
उपाधी- अंतेवासीन
17. श्रमण मुनि श्री सार्थ सागर जी
विशेषता – नितिज्ञ
उपाधी- सर्वांग सुंदर
18. श्रमण मुनि श्री समकित सागर जी
विशेषता – ज्ञान ध्यान प्रवीण
उपाधी- आत्म ध्यानी
19. श्रमण मुनि श्री सम्यक सागर जी
विशेषता – संघर्षशील
उपाधी- भक्त वत्सल
आचार्य विशुद्धसागर महाराज जी ससंघ के दर्शन हेतू श्रवणबेलगोल के स्वस्तिश्री चारुकीर्ती भट्टारक महास्वामीजी पधारे | श्रवणबेलगोल के स्वस्तिश्री चारुकीर्ती भट्टारक महास्वामीजी ने सभी मुनीराजों के दर्शन करके तत्व कि चर्चा कि |
आज आध्यात्मयोगी दिगंबराचार्य विशुद्धसागर जी महाराज ससंघ का देवराहल्ली (कर्नाटक )में आहार होगा और विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक तीर्थ श्रवणबेलगोल कि ओर विहार प्रारंभ होगा |
आगामी भव्य पंचकल्याणक श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र जैनरगुत्ती हासन (कर्नाटक) 28 नबम्बर 2024 से 4 दिसम्बर 2024 तक संपन्न होगा | नमोस्तु शासन जयवंत हो |
साभार राजेश जैन दद्दू
शब्दांकन – श्री अभिषेक अशोक पाटील