उदयपुर। 2 अप्रैल 2023 रविवार को वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महाराज ससंघ का उदयपुर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ, अगवानी के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। संघ का प्रवेश उदयपुर संभाग में प्रारंभ हुआ है ,धर्म और धर्मात्मा के प्रति जिनका अनुराग श्रद्धा भक्ति रहती है वह मनुष्य जीवन को सार्थक करते हैं।यह मंगल देशना पंचम पट्टाधीश वात्सल्य वारिघि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने नगर निगम उदयपुर के परिसर में आयोजित धर्म सभा में प्रगट की। आचार्य श्री ने आगे बताया कि उदयपुर संभाग में 5 जिले पुराने हैं , यहां के श्रावको की भक्ति बेजोड़ है ,अनुकरणीय है ।हमने ही नहीं आचार्य श्री शांतिसागर जी की परंपरा के सभी आचार्यों ने मेवाड़ वागड़ के उदयपुर संभाग में प्रवास एवं चातुर्मास किया है। जिस प्रकार रत्नों में हीरा सर्वश्रेष्ठ है उसी प्रकार चारों गतियां और सभी जीवो में मनुष्य जीवन सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
मुनि श्री हितेंद्र सागर जी ने अपने प्रवचन में बताया कि उदयपुर की भक्ति पूज्य गुरुदेव के श्री मुख से बहुत सुनी थी , आज गुरुदेव श्री संघ का आगमन हुआ आपकी भक्ति, श्रद्धा समर्पण ने अभिभूत कर दिया । इसके पूर्व आचार्य श्री वर्धमान सागर जी का नगर के बीएन कॉलेज परिसर से मंगल विहार प्रारंभ हुआ ,फतेह स्कूल से लेकर नगर निगम कम्युनिटी हॉल तक सड़क किनारे अनेक जैन समाज के, जैनेतर समाज के ,विभिन्न सामाजिक संगठनों के स्वागत मंच लगे थे जहां से आचार्य श्री का चरण प्रक्षालन एवं आरती उतारी गई है। नगर में विभिन्न जलूस मार्ग पर समाज जनों ने स्थान स्थान पर आचार्य श्री के चरण प्रक्षालन एवं आरती उतारी आज की शोभा यात्रा में न केवल दिगंबर जैन समाज के लोगों ने स्वागत मंच लगाए ,अपितु अन्य समाज प्रजापत समाज सुथार समाज राजपूत समाज महेश्वरी समाज अन्य समाजों ने भी परंपरागत रूप से स्वागत किया।
सबसे पहले प्रारभ में कालेज ने प्रबंधन पदाधिकारियों ने स्वागत किया। फिर जिला प्रशासन की ओर से उदयपुर कलेक्टर ताराचंद मीणा ने उदयपुर के महाराजा श्री विश्वयेंद्र सिंह ने स्वागत किया। शोभायात्रा का समापन नगर निगम कम्युनीटि परिसर में होकर शोभा यात्रा धर्म सभा में परिवर्तित हो गई।
-डॉ सुनील जैन संचय, ललितपुर