आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के सुशिष्य मुनि श्री अनुपम सागर जी महाराज और मुनि श्री समत्व सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में, श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर कैनाल रोड बड़ोत का पंचकल्याणक प्रतिष्ठा रजत वर्ष समारोह आज प्रारंभ हुआ। जिसका शुभारंभ झंडारोहन के साथ सुनील कुमार जैन तेल वालों के द्वारा, पंडित श्रेयांस जैन के निर्देशन मे किया गया। मुनि श्री द्वारा बोले गए दिव्य मंत्रो के मध्य मूलनायक श्री शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा की प्रथम शांतिधारा का सौभाग्य भूषण जैन नितिन जैन दिल्ली को प्राप्त हुआ। सोधर्म इंद्र सचिन जैन, कुबेर इंद्र नवीन जैन, यज्ञनायक आशीष जैन,ईशान इंद्र राहुल जैन,सानत इंद्र अंकित जैन और माहेंद्र इंद्र संदीप जैन द्वारा इस अवसर पर भावविभोर होकर प्रभु की भक्ति की गयी।
कार्यक्रम के मध्य मंगल प्रवचन देते हुए मुनि श्री अनुपम सागर जी महाराज ने कहा कि आज व्यक्ति अपने को बहुत व्यस्त समझता है।उस पर सांसारिक भोग विलास के लिए तो समय है, लेकिन प्रभु दर्शन, पूजन और मुनियों के प्रवचन सुनने के लिए समय नही है।ऐसी व्यस्तता किस काम की,जो व्यक्ति अपना कल्याण भी ना कर सके। कम से कम कुछ समय तो अपने अंतरंग के लिए निकालो। अपने स्वाध्याय को अंतरंग मे ले जाने के लिए समय निकालो।जीवन भर व्यक्ति पैसे के पीछे भाग रहा है। यह तो मृगत्रिशना है, जिसका कोई अंत नही है।
मुनि श्री समत्व सागर जी महाराज ने कहा कि परिणामों की दशा अत्यंत विचित्र है, रहन सहन,वेश भूषा, प्रवृति की विचित्रता, वाणी की विचित्रता सभी
परिणामों को विचित्रता से ही है। परिणाम अर्थात भाव जिसे अंतःकरण भी कहते हैं। अन्य कोई व्यक्ति नहीं जो जीव को संसार में विचित्र पर्यायों में उत्पन्न करने वाला हो ।जीव के परिणामों की दशा ही संसार में जीव के विचिन्न पर्यायों की जनक है।
भाव न बिगडें तो भव नहीं बिगड सकता। लोगों ने भव को महत्ता देना प्रारंभ कर दिया है पाश्चात्य संस्कृति भव से मात्र प्रभावित है। यही कारण है कि मात्र वर्तमान पर्याय के भोग विलासिता में ही जीना चाहती है। मात्र वर्तमान के सुखों पर दृष्टि यदि आपकी भी है तो आप भारतीय संस्कृति में जन्म लेने पर भी भारत को प्राचीनतम संस्कृति श्रमण संस्कृति अर्थात अर्हत दर्शन से अनभिज्ञ हैं।
सभा का संचालन डॉक्टर श्रेयांस जैन ने किया। सभा मे सुरेंद्र जैन, अनिल जैन, नवीन बब्बल, अनिल राजदूत, राजकुमार जैन, विनोद जैन एडवोकेट, सुखमाल जैन, रामकुमार जैन,दीपक जैन, सचिन जैन, नीरज जैन, विवेक जैन,उदित जैन आदि उपस्थित थे।
मीडिया प्रभारी वरदान जैन ने बताया की 20 और 21 फरवरी को पंचकल्याणक विधान का आयोजन किया जाएगा और 22 फरवरी को सुबह 11:00 बजे, श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मन्दिर से शांतिनाथ भगवान की विशाल रथ यात्रा निकाली जाएगी।
अतुल जैन बुढ़पुर वाले
मीडिया प्रभारी
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