चैत सुदी षष्टि सुखदाई, प्रभो पंचम गति पाई ।
अहो जिनराज को जजते, मुक्ति मिलती सहज भजते ।।
फागी संवाददाता – जयपुर ज़िले की ग्राम पंचायत डूँगरी के ग्राम सांगाकाबास के दो सो वर्ष पुराने जैन मन्दिर में सोमवार को अपने समस्त दुखों की निर्वृत्ति हेतु निर्वाण की भावना के साथ अतिशयकारी मूलनायक जैन धर्म के तीसरे तीर्थंकर श्री १००८ संभव नाथ भगवान के मोक्ष कल्याण पर निर्वाण लाडू भक्ति भाव से समर्पित किया गया ,मन्दिर समिति अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया की भगवान संभव नाथ देव का जन्म कार्तिक की पूर्णिमा को श्रावस्ती गाँव में हुआ था।
उनके पिता का नाम राजा जितारि और माता का नाम सेना रानी था। तीर्थंकर संभव नाथ का प्रतीक चिह्न घोड़ा था व इनका निर्वाण सम्मेदशिखर से हुआ था कार्यक्रम में प्रातः अभिषेक शान्तिधारा व पूजन के बाद निर्वाण काण्ड वाचन कर भगवान के निर्वाण महोत्सव पर लाडू समर्पित करने का सोभाग्य राजेंद्र- चन्दा पाटनी परिवार चोमू ने प्राप्त किया धर्म प्रभावना के साथ भगवान की आरती की गई।
-राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान