Unit of Shri Bharatvarshiya Digamber Jain Mahasabha
बच्चों कोप्रोत्साहित करना आवश्यक हैं ——— विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैनभोपाल
अभिभावक होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि बच्चों को उनकी गलतियों पर डांटने के साथ उनकी अच्छाइयों और उपलब्धियों को सराहना भी चाहिए।...
डॉक्टर अरविन्द जैन की पुस्तक “स्वस्थ्य एवं सुखी जीवन के अनमोल सूत्र “आचार्य श्री...
मनुष्य यदि अपने लक्ष्य की प्राप्ति करना चाहे उसके लिए लक्ष्य के प्रति सतत निरंतर प्रयत्न शील होना चाहिए। मेरी आठवीं पुस्तक "स्वस्थ एवं...
अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस—- विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल
संसार में आज वैश्विक व्यवस्था का बहुत महत्व है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापारिक लेनदेन, सांस्कृतिक और सूचना आदान प्रदान इतना ज्यादा होता है कि...
अच्छे बुरे कर्म का फल आज नहीं तो कल भोगना ही पड़ेगा। अन्तर्मना आचार्य...
अच्छे बुरे कर्म का फल आज नहीं तो कल भोगना ही पड़ेगा। अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज औरंगाबाद उदगाव...
व्यसन मानवता का एक कलंक – आचार्य सौरभ सागर, पंच दिवसीय सिद्धचक्र महामंडल विधान...
प्रेस विज्ञप्ति दिनांक 14 जुलाई 2023
व्यसन मानवता का एक कलंक - आचार्य सौरभ सागर
जयपुर। छोटी काशी धर्म नगरी से नाम से विख्यात राजधानी जयपुर...
भगवान महावीर 2550वा निर्वाण कल्याणक महोत्सव का आगाज धुलियान में
धुलियान पश्चिम बंगाल:- इस वर्ष श्री 1008 भगवान महावीर का 2550वां निर्वाण महा महोत्सव के उपलक्ष में पवित्र गंगा नदी किनारे वसा श्री 1008...
जैन आचार्य कामकुमार नंदी जी महाराज की जघन्य हत्या के विरोध में सड़कों पर...
जलूस निकालकर घंटाघर चौक पर किया प्रदर्शन, जताया आक्रोश, सौपा ज्ञापन
ललितपुर। कर्नाटक में दिगम्बर जैन आचार्य काम कुमार नंदी जी महाराज की निर्मम हत्या...
मोह सबसे ज्यादा खतरनाक है: आचार्य श्री प्रमुख सागर
गुवाहाटी: स्थानीय फैंसी बाजार स्थित भगवान महावीर जन्म स्थल मे चातुर्मासिक प्रवचन के माध्यम से रोजाना धर्म और ज्ञान की गंगा बह रही है...
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविंद जैन भोपाल —-डॉक्टर धर्मवीर भारती पुरस्कार से सम्मानित
के .बी हिंदी सेवा न्यास द्वारा षटम अंतरराष्ट्रीय सम्मान डॉक्टर अरविंद जैन भोपाल को डॉ धर्मवीर भारती स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया डॉक्टर...
क्या आप फोबिया या भय से ग्रस्त हैं ?– विद्यावाचस्पति–डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल
मानव में रोग के स्थान दो होते हैं मन और शरीर ,शरीर को हम भौतिक रूप से देखते हैं और उसमे होने वाली विकृतियों...