बुन्देलखण्ड वसुन्धरा में जन्मे गुरुदेव आचार्य श्री देवनंदी जी महाराज का णमोकार तीर्थ में 62वां जन्म जयंती समारोह:-

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बुन्देलखण्ड वसुन्धरा कि शाहगढ़ नगरी में *प्रज्ञाश्रमण सर्वोदयी राष्ट्रसन्त सारस्वताचार्य पूज्यपाद वात्सल्य रत्नाकर णमोकार तीर्थ प्रणेता पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री देवनंदी जी महाराज का 15 अगस्त 1963 को जन्म हुआ, 62 वां जन्म जयंती 2025 महोत्सव एक अद्वितीय अवसर जहां भारत की आजादी का जश्न भी एक साथ हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जाएगा।*
यह “णमोकार तीर्थ” अतिशय युक्त स्थली भी है, जहां नाग-नागिन युगल जोडी ने रिषी पंचमी जैसे पावन दिवस पर पूज्य गुरुदेव के मंगल दर्शन वा समीपआकर के मांगलिक क्रीडा करीब 35 मिनट तक करते हुए गुरुदेव से णमोकार महामंत्र सुनते हुए आशीर्वाद भी लिया यह सब प्रत्यक्ष संघस्त सैकडों लोगों ने दर्शन किए ऐसी पावन पवित्र भूमि जो ऐतिहासिक दो सिद्ध क्षेत्रों की पर्वर्तीय श्रखंलाओ के मध्य जहाँ पौराणिक मान्यता अनुसार इस क्षेत्र को “रामटेकड़ी” भी कहते हैं। जहां से प्रभु श्रीराम जी ने भी विचरण किया था, ‘णमोकार’ भूमि को परमपूज्य गणाचार्य 108 श्री कुन्थु सागर जी महाराज का विशेष आशीर्वाद उत्तराधिकारी परम शिष्य सारस्वताचार्य 108 श्री देवनन्दी जी महाराज गुरुवर की सामाजिक और धार्मिक उत्थान हेतु तीर्थ के विकास की परिकल्पना, विश्व में एकमात्र बोलता हुआ णमोकार मंत्र पर आधारित समवशरण – 5.5 एकड़ में फैला 108 फ़ीट सबसे ऊँचा सफेद संगमरमर से निर्मित 32 फ़ीट ऊँची चंद्रप्रभु भगवान की प्रतिमा,त्रिकाल चौबीसी, 24 जिनालय, नवदेवता, नंदीश्वर द्वीप, पंचमेरु, 24 स्वरूपों वाली पद्मावती माता की प्रतिमाएं,51 फ़ीट अरिहंत और 31 फ़ीट की शेष पंचपरमेष्ठी प्रतिमाएं- विश्व में प्रथम बार,नौका विहार व मिनी ट्रेन से दर्शन सुविधा,
णमोकार आराधना केंद्र डिजिटल प्रभावना केंद्र, गुरुमंदिर, प्राचीन तीर्थंकर प्रतिमाएं व ग्रंथालय, संत भवन, धर्मशाला, मंगल कार्यालय व सामाजिक उपक्रम अचंभितअल्पसमय में साकार जो हो गई है।यस्य वाणी में शांति, दृष्टि में करुणा, और चाल में मोक्षमार्ग हो वो हैं आचार्य श्री देवनंदी जी महामुनि राज ज्ञानं यः प्रकाशयति स एव गुरु: ,जिन्होंने केवल उपदेश नहीं, जीवन जीने की राह दिखाई। विहार से विचार तक, हर क्षण दिव्य है के कुशल निर्देशन में एवं श्रीअमोघकिर्ती जी, श्रीअमरकिर्तीजी युगल मुनिराज का मार्गदर्शन ,वहीं चारों दिशाओं से चार सौ से अधिक आचार्य परमेष्टि महाश्रमण जनों का सानिध्य , बा.ब्र. वैशाली दीदी द्बारा प्रस्तावना के साथ ट्रस्ट के अध्यक्ष ,प्रतिष्ठा महोत्सव संयोजक श्री निलम जी अजमेरा ने वृहद प्रोजेक्ट तैय्यार किया , जहां श्री संतोष पैंढारी नागपुर की अध्यक्षता मे णमोकार तीर्थ अंतर्राष्टीय प्रतिष्ठा पंचकल्याणक महामहोत्सव दिनांक 6 फरवरी से 13फरवरी 2026 एवं महामस्तकाभिषेक 25/02/2026 तक “णमोकार तीर्थ”, मुंबई-आगरा हाईवे नंबर ३, तालुका- चाँदवड़, नासिक. मोहाड़ी (मालसाने), तहसील चांदवड़, जिला नाशिक, महाराष्ट्र रेल मार्गः नाशिक रोड स्टेशन (45 किमी), मनमाड (35 किमी) वायु मार्गः ओझर एयरपोर्ट (60 किमी) पर स्थिति है। जहां यह महामहोत्सव भी होने जा रहा है ,आइए आत्मीय इस अद्वितीय आध्यात्मिक अवसरों पर स्वागत है, ज़िंदगी सँवारने को तो ज़िंदगी पड़ी है ,चलो वो लम्हा सँवार लेते है,जहाँ ज़िंदगी खड़ी है, जुड़ना बड़ी बात नही,जुड़े रहना बड़ी बात है।
(
भूमिपुत्र पवनघुवारा)

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