भौतिक सुख सुविधाओं से सच्चे सुख की प्राप्ति नहीं

0
6

जीवन में सजग रहने के लिए धर्म के ज्ञान का होना आवश्यक
मुनि वैराग्य सागर व मुनि सुप्रभ सागर महाराज का वर्ष 2025 का चातुर्मास देवपुरा बून्दी में
बूंदी, 24 जून। परम पूज्य आचार्य सुमति सागर महाराज के परम शिष्य मुनि श्री वैराग्य सागर एवं परम पूज्य आचार्य वर्धमान सागर के धर्मप्रभावक शिष्य सुप्रभ सागर महाराज का वर्ष 2025 का चातुर्मास देवपुरा बून्दी में होगा। दोनों मुनि महाराजों का मंगल प्रवेश 23 जून को मधुबन काॅलोनी में स्थित मुनि सुव्रतनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में हुआ। यहां पर मुनिराज धर्म की प्रभावना करते हुए रजतगृह काॅलोनी के साथ साथ नागदी बाजार में भी धर्म प्रभावना करेंगे। उसके बाद 7 जुलाई को चातुर्मास हेतु नागदी बाजार से भव्य जुलूस के साथ देवपुरा बून्दी में चातुर्मास हेतु मंगल प्रवेश होगा।
इसी क्रम में मधुबन काॅलोनी में स्थित मुनि सुव्रतनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में प्रवचन देते हुए मुनि सुप्रभ सागर महाराज ने कहा कि आज का व्यक्ति भौतिक सुख सुविधाओं से अपनी पहचान मानता है जबकि सही अर्थ में आत्मा की पहचान करना चाहिए। आत्मा की पहचान करने के लिए ज्ञान का अर्जन करना चाहिए तथा ज्ञान के अर्जन के लिए मनुष्य को सजगता लानी चाहिए। उन्होंने धर्मसभा में कहा कि आज मनुष्य भौतिकता की ओर अपने जीवन को लेकर जाता है। लेकिन असल में आत्मकल्याण ही सत्य मार्ग है। जो विपरीत ज्ञान को रखता है वह व्यक्ति अज्ञानी है।
वैराग्य सागर महाराज ने धर्म सभा में कहा कि देव शास्त्र गुरु की भक्ति करने पर सुंदर रूप की प्राप्ति होती है। श्रावक को परिवार में रहकर भी षष्ट आवश्यक का पालन करना चाहिए। रागी व्यक्ति सदैव संकलेश्न में जीवन जीता है। चंचल मन कभी आत्म शांति की प्राप्ति नहीं कर सकता।
इस अवसर पर दीप प्रज्वलन दुर्लभ जठयानीवाल एवं राजकुमार जैन ने किया। मुनिश्री को शास्त्र भेंट रविन्द्र काला, रमेश बडजात्या ने किया। मंगलाचरण शकंुतला बडजात्या ने किया एवं धर्मसभा का संचालन नमन जैन ने किया।
रविन्द्र काला
जैन गजट संवाददाता, बून्दी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here