भव्य सिंह द्वार का शिलान्यास सम्पन्न हुआ

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भव्य सिंह द्वार का शिलान्यास सम्पन्न हुआ
मानव की जैसी दृष्टि होती है वैसी सृष्टि उसे दिखाई देती है। जीवन में उपदेश की नहीं उपचार की जरूर होती है
आचार्य 108 प्रज्ञा सागर जी महाराज

कोटा
जंगल वाले बाबा मुनि चिन्मय सागर जी महाराज की मंगल प्रेरणा से निर्मित आर के पुरम स्थित श्री मुनि सुब्रत नाथ त्रिकाल चौबीसी जैन मंदिर में आचार्य 108 प्रज्ञा सागर जी महाराज ससंघ के पावन सानिध्य में सिंह द्वार का भव्य शिलान्यास का मांगलिक कार्यक्रम पंडित उदय शास्त्री के निर्देशन में हर्षौल्लास के वातावरण में सानंद सम्पन्न हुआ। इस भव्य सिंह द्वार के शिलान्यास कर्ता विनोद जैन टोरडी श्रीमति समिता जैन अभिषेक जैन प्रासुक जैन परिवार जन ने किया। मंदिर समिति के अध्यक्ष अंकित जैन ने बताया कि इस अवसर पर सकल जैन समाज के अध्यक्ष प्रकाश बज महामंत्री पदम बडला कार्याध्यक्ष जे के जैन मनोज जायसवाल विमल जैन नान्ता दीपक जैन मुकेश जैन पंकज जैन राजेंद्र गोधा चंद्रेश जैन पदम जैन हरक चंद जैन विमल जैन (दरा) राजेंद्र श्रीमाल उपस्थित थे। मंदिर समिति के महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष ज्ञान चंद जैन ने बताया कि प्रातः काल नित्य अभिषेक के बाद शांति धारा आचार्य श्री के सानिध्य में विश्व शांति की मंगल कामना से की गई। मदिरा समिति के प्रचार प्रसार मंत्री पारस जैन “पार्श्वमणि” पत्रकार उपाध्यक्ष लोकेश बरमूडा ने बताया कि धर्म सभा में चित्र अनावरण मंगल दीप प्रज्वलन एवं शास्त्र भेट की मांगलिक क्रियाएं सम्पन्न की गई। धर्मसभा सफल संचालन पंडित रविंद्र जैन एवं पारस जैन “पार्श्वमणि” पत्रकार ने किया। धर्म सभा को संबोधित करते हुवे आचार्य प्रज्ञा सागर ने कहा कि आज सबसे बड़ी विडंबना है कि सब उपदेश देते है उपचार नहीं करते जबकि उपदेश की नहीं उपचार की परम आवश्यकता है। जैसी व्यक्ति की सोच होती है उसकी दृष्टि वैसी हो जाती है। मानव को अपनी सोच सदैव सकारात्मक रखना चाहिए । सोच और विचार का मानव जीवन पर बहुत बड़ा गहरा प्रभाव पड़ता है। आज मानव की स्थिति ऐसी है गंगा गए गंगादास जमुना गए जमुनादास । जहां देखी तवा परात वही गुजरी रात। ऐसा नहीं होना चाहिए। देव शास्त्र गुरु के प्रति जीवन में सच्ची श्रद्धा भक्ति और समर्पण की आवश्यकता है। यही सम्यक दृष्टि का सच्चा मार्ग है। दूसरों के प्रति सदैव मेत्री भाव रखे जैसा कि मेरी भावना में कहा गया है मैत्री भाव जगत में मेरा सब जीवो से नित्य रहे दिन दुखी जीवो पर मेरे उर से करुणा स्त्रोत बहे। दोपहर में पूज्य आचार्य श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज ससंघ विश्व विद्यालय में गए जहा पर विद्यार्थियों को धर्म उपदेश प्रदान किया। वहीं पर वृक्षारोपण भी किया गया। सायकल आनंद यात्रा के बाद संगीत के साथ भक्तामर पाठ मंगल आरतो की गई। मंदिर समिति के अध्यक्ष अंकित जैन ने बताया कि दिनांक 13 नवंबर को सुबह 6 बजकर 30 मिनिट पर आचार्य शी प्रज्ञा सागर जी महाराज ससंघ जगपुर विमल जैन के फार्म हाउस के लिए बिहार करेंगे।
प्रस्तुति
पारस जैन “पार्श्वमणि” पत्रकार कोटा 9414764980

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