भव्य समारोह में णमोकार मंत्र लेखन पुरस्कार वितरित
प्रथम फ्रिज, द्वितीय वाशिंग मशीन, तृतीय आटा चक्की वितरित
मुरैना (मनोज जैन नायक) जैन धर्म का शाश्वत अनादिनिदन महामंत्र णमोकार के लेखन का कार्य युगल मुनिराजों के पावन सान्निध्य में निरंतर वर्षाकाल में चलता रहा ।
प्रतियोगिता के संयोजक डॉक्टर मनोज जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि पूज्य युगल मुनिराज निर्यापक श्रमण मुनिश्री विलोकसागरजी एवं मुनिश्री विबोधसागरजी महाराज के पावन सान्निध्य में हुए महामंत्र णमोकार लेखन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले लगभग 250 प्रतियोगियों को पुण्यार्जक परिवार गंगाविशन जैन, अशोक जैन, कैलाश चंद जैन, सूर्य नारायण जैन, प्रेम नारायण जैन, शिवनारायण जैन, बलराम जैन, प्रद्युम्न जैन, अनिल जैन, बबली जैन, मदन मोहन जैन, नवनीत शास्त्री, अक्षय जैन, अखिलेश जैन, सोनू जैन, इंजीनियर रविंद्र जैन, प्रवीन जैन, मेनका जैन (सहसराम वाले) परिवार जौरा के सौजन्य से पुरस्कार प्रदानकर सम्मानित किया गया । सर्वाधिक लेखन 65000 पर कमलेश जैन सिलवानी को फ्रिज, 60014 पर गुंजन जैन राजू गारमेंट्स को वाशिंग मशीन, 52500 पर रुचि जैन वलेह को आटा चक्की देकर सम्मानित किया गया । इसी क्रम में साक्षी नरेश जैन टिल्लू मुरैना, जया जैन वलेह, अनीता विमल जैन मुरैना, भारती जैन बलेह, शशि राकेश जैन घी, डॉ मनोज जैन, पदमचंद जैन सहित सभी 250 प्रतियोगियों को चांदी की माला, सूटकेश, इंडेक्सन, मिक्सर, पूजन के बर्तन, बर्तनों का सेट एवं अन्य आकर्षक उपहार देकर सम्मानित किया गया ।
इस अवसर पर मुनिश्री ने कहा कि मंत्रों के स्मरण, जाप एवं लेखन से पापों का क्षय होता है, साथ ही लौकिक एवं अलौकिक सुखों की प्राप्ति होती है । इसलिए हमें सदैव श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मंत्रों का जाप करना चाहिए । जिससे हमारे पुण्य की वृद्धि हो और हम मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर हो सकें । यही हम सब की भावना व लक्ष्य होना चाहिए ।
इस पावन अवसर पर समाज की बच्चियों एवं विलोक सागर बालिका मण्डल द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
















